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शहर में गायब हो चुके तालाबों की तलाश करेगा प्राधिकरण

गिरते भूजल को बचाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने कवायद शुरू कर दी है

शहर में गायब हो चुके तालाबों की तलाश करेगा प्राधिकरण
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नोएडा। गिरते भूजल को बचाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने कवायद शुरू कर दी है। इससे उन भू-माफिया की मुसीबत बढ़ने वाली है। जिन्होंने नोएडा के गांवों के तालाबों पर कब्जा कर बहुमंजिला इमारते व व्यवसायिक भवनों का निर्माण कर लिया है।

सर्वोच्च न्यायालय आदेश के बाद अब नोएडा प्राधिकरण हरकत में है उसने शहर में तालाबों की तलाश शुरू करने का निर्णय लिया है। इसलिए प्राधिकरण की ओर दो करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट तैयार किया गया है। जो इस अभियान के तहत खर्च किया जाएगा।
तालाबों की तलाश करने के बाद उसको उसके पूर्व के अस्तित्व में लाने का प्रयास करेगा। इस दौरान यदि किसी तालाब पर अतिक्रमण पाया जाएगा।

उसको भी ध्वस्त करने की कार्रवाई प्राधिकरण की ओर से की जाएगी। हालांकि योजना बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। प्राधिकरण के चेयरमैन व मुख्य कार्यपालक के कार्यालय पर नहीं होने पर विस्तार से चर्चा नहीं हो सकी, लेकिन जल्द ही इस प्रस्ताव को अधिकारियों की ओर से उनके समझ प्रस्तुत किया जाने वाला है।

प्राधिकरण की इस योजना से भू-माफिया होंगे चिहित

प्राधिकरण अधिकारियों की मानी जाए तो नोएडा में करीब 80 गांव है। जमीन अधिग्रहण करने पर कई तालाब प्रत्येक गांव में होने की पुष्टि हुई थी, लेकिन आज उन तालाबों का गांव में कही भी अता-पता नहीं है। ऐसे में पटवारियों के माध्यम से गांव में मौजूद तालाबों की सूची को तलब किया गया है। जिसके बाद उस जगह को चिन्हित कर तालाबों की जमीन को खाली कराया जाएगा।

कई गांव के तालाबों पर कब्जा कर अवैध निर्माण हो चुका

हरौला, बरौला, चौड़ा, गेझा, भंगेल, छिजारसी सहित तमाम ऐसे गांव शामिल है। जहां पर भू-माफिया ने प्राधिकरण व जिला प्रशासन के तहसीलदारों, पटवारियों से सांठ-गांठ कर तालाबों की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया और आज कई व्यवसायिक भवनों को संचालित किया जा रहा है।


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