लंबित परियोजनाओं पर प्राधिकरण ने बिल्डरों को लगाई फटकार
कार्य प्रणाली से असंतुष्ट प्राधिकरण ने बिल्डरों के साथ बैठक की
नोएडा। कार्य प्रणाली से असंतुष्ट प्राधिकरण ने बिल्डरों के साथ बैठक की। बैठक में उन 37 बिल्डरों को बुलाया गया जिनका कार्य लंबे समय लंबित था। प्राधिकरण ने ऐसे बिल्डरों को सचेत किया साथ ही जल्द से जल्द निर्माण पूरा करने की हिदायत दी। प्राधिकरण ने बिल्डरों ने स्पष्ट कहा कि यदि आपके पास बकाया वापस करने का पैसा नहीं है तो वह अधिभोग प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए पॉलिसी के तहत आवेदन करे। लेकिन बायर्स को जल्द फ्लैटों पर कब्जा दे।
सीईओ की अध्यक्षता में हुई बैठक में 37 बिल्डरों ने भाग लिया। शाम पांच बजे शुरू हुई बैठक में बिल्डर ने अपना पक्ष रखा। बिल्डर की समस्या सुनने के बाद प्राधिकरण ने स्पष्ट कहा कि वह अपना काम तेजी से करे। करीब 10 बिल्डरों ने प्राधिकरण को बताया कि वह अपना काय दिसंबर 2017 तक पूरा कर लेंगे। ऐसे बिल्डरों को हिदायत दी कि वह कंपलीशन के लिए पॉलिसी का प्रयोग कर सकते है। जबकि कई बिल्डरों ने बताया कि उनका काम थोड़ा बचा हुआ है जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
कूड़ा निस्तारण के लिए भारतीय मानक ब्यूरो प्राधिकरण के कर्मचारियों को देगा प्रशिक्षण
शहर से रोजाना निकलने वाले करीब 630 टन कूड़े के निस्तारण के लिए भारतीय मानक ब्यरो प्राधिकरण के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगा। इसके लिए ब्यरो औऱ प्राधकिरण के बीच कूड़ा उठाने में इस्तेमाल किए जाने वाले संसाधनों को आदान-प्रदान करेंगे। भारतीय मानक ब्यरो और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भारतीय मानको के अनुरूप इसमें काम करेंगे। बता दें हाल ही में दिल्ली के गाजीपुर स्थित कूड़े के ढेर से हुई घटना के बाद नोएडा प्राधिकरण सतर्क हो गया है और शहर से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए प्रयास कर रहा है।
अवैध निर्माण को लेकर जेएसएस को नोटिस जारी
प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने सेक्टर-62 स्थित जेएसएस संस्थान को नोटिस जारी किया है। नोटिस कॉलेज परिसर में अनाधिकृत निर्माण को लेकर जारी किया गया है। यह निर्माण परिसर में भूखंड संख्या सी-20/1 पर किया गया। जिसे वर्तमान समय तक हटाया नहीं गया। भवन का उपयोग बिना अधिभोग प्रमाण पत्र के किया जा रहा है। यह भवन नियमावली के नियमों का उल्लंघन है। लिहाजा नोटिस जारी कर 15 दिनों में अवैध निर्माण को हटाने के निर्देश जारी किए गए है। अवैध निर्माण को लेकर प्राधिकरण सख्त है। ऐसे निर्माण के चलते प्राधिकरण को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है।
इसके मद्देनजर प्राधिकरण के नियोजन विभाग की टीम ने 4 सितम्बर को जेएसएस संस्थान का निरीक्षण किया। ले आउट प्लान के तहत निरीक्षण करने पर परिसर में भवन निर्माण में भवन नियमावली के नियमों का उल्लंघन देखा गया। यहा कई कमरों के साथ भवन बना लिए गए। जिसका नक्शा तक पास नहीं है। यही नहीं उसका उपयोग भी बिना अधिभोग प्रमाण पत्र प्राप्त किए जा रहा था। प्राधिकरण ने तुरंत कार्यवाही करते हुए संस्थान को इसे तोड़ने की हिदायत दी। साथ ही काजगी कार्यवाही करते हुए जेएसएस संस्थान को नोटिस जारी किया गया। इसके तहत 15 दिनों के अंदर अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो प्राधिकरण अपने स्तर से कार्यवाही करेगा।


