दुकान आबंटन में फर्जीवाड़ा.हाईकोर्ट के आदेश पर दुकानों की नीलामी निरस्त
तखतपुर ! नगर पालिका की पूर्व परिषद ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा जिन पांच भूखण्डों की नीलामी को अमान्य कर दिया था

तखतपुर ! नगर पालिका की पूर्व परिषद ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा जिन पांच भूखण्डों की नीलामी को अमान्य कर दिया था उस राज्य सरकर के पत्र में अ में सफेदा लगाकर मान्य कर अपने लोगों को प्रभावित करते हुए नगरपालिका की पांच दुकानों को कम राशि में गोपनीय तरीके से नीलामी कर शासन की आय को क्षति पहुंचा परिषद ने इसके बावजूद दुकानों की नीलामी की और रजिस्ट्री भी करवा दी। वहीं आज इस मामले में हाईकोर्ट ने सभी नीलाम दुकानों की नीलामी को निरस्त कर दिया और जमा राशि को राजसात करने का निर्णय दिया है।
नगरपालिका के तात्कालिन परिषद ने पांच दुकानों जिसमें मवेशी बाजार के सामने, पुराना नगर पंचायत परिसर, दीवान तालाब गेट के पास के दुकान को शक्तिपाल रात्रे 2 लाख 5 हजार, सीताराम साहू 96 हजार, विनोद देवांगन, 1 लाख 51 हजार एवं प्रकाश शिवकुमार 1 लाख 96 हजार रूपए में नीलामी कर शासन को हजारों रूपए राजस्व की क्षति पहुंचाई है, नीलामी को मान्य के लिए संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन के माध्यम से शासन को पत्र भेजा गया जिसमें शासन ने अपने पत्र क्रमांक 7643 दिनांक 27 फरवरी 2013 को जारी कर नीलामी का अमान्य करने की सूचना तात्कालिन सीएमओं को दी गई और इस पत्र को सीएमओं ने नोटसीट लगाकर जल्दी जल्दी आदेश एवं नोटशीट में अमान्य के अ शब्द को काट छांटकर मान्य दिखाया एवं नीलामी को वैध करार दे दिया गया. इस तरह शासकीय अभिलेखों एवं आदेशों में काट छांटकर हेराफेरी कर आर्थिक लाभ तात्कालिन परिषद के लिया गया है। अब नयी परिषद के कार्यभार संभालने के बाद अभिलेखों को देखा गया तब यह करतूत सामने आया और प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए वर्तमान सीएमओं ने पंजीयन कार्यालय को पत्र लिखकर रजिस्ट्री को शून्य करने की मांग की है. वहीं शासकीय दस्तावेजों से हेराफेरी करने वालों के विरूद्ध एफआईआर के लिए थाने को पत्र लिखा गया था आज नगर पालिका ने परिषद की बैठक के दौरान सीएमओ उमेश शुक्ला ने परिषद को जानकारी दी की जो चार दुकानें अमान्य को मान्य कर नीलामी की गई थी सभी दुकानों को नीलामी निरस्त कर दी गई है और दुकानदारों द्वारा जमा की गई नीलामी राशि को राजसात कर दिया गया है।
जनप्रतिनिधियों की भूमिका संदिग्ध
नगरपालिका एवं शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाकर नीलामी प्रक्रिया को अंजाम देने वाले तात्कालिन तीन जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर भी सवाल उठ खड़ा हुआ है कि कैसे उन्होंने शासन के आदेश एंव निर्देश की अवहेलना कर अपने स्वास्थ्य की पूर्ति के लिए बेशकीमती जमींन के टुकड़े को कौड़ी के दाम में नीलाम कर दिए है।
विज्ञापन रायपुर के अखबार में
नगरपालिका द्वारा इन पांच भूखण्डों की नीलामी का विज्ञापन ऐसे अखबार में दिया है जिसकी प्रसार संख्या नगर में बहुत कम है मजे की बात है जिस दिन इस अखबार में विज्ञापन छपा था उस दिन अखबार बंटा ही नही था और एक विज्ञापन रायपुर के ऐसे अखबार में दिया है जिसका वितरण नगर में होता ही नहीं।


