अटल जी ने देश में नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत की: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में नयी राजनीतिक संस्कृति की शुरूआत की जिसका असर भविष्य में लंबे समय तक दिखाई देता रहेगा

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में नयी राजनीतिक संस्कृति की शुरूआत की जिसका असर भविष्य में लंबे समय तक दिखाई देता रहेगा।
पीएम मोदी ने रविवार को आकाशवाणी अपने मासिक कार्यक्रम ‘ मन की बात’ के 47 वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन को मुख्य धारा में लाने के लिए देश सदा श्री वाजपेयी का आभारी रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने भारत को नयी राजनीतिक संस्कृति दी और बदलाव लाने का प्रयास किया। इस बदलाव को उन्होंने व्यवस्था के ढांचे में ढालने की कोशिश की जिसके कारण भारत को बहुत लाभ हुआ हैं और आगे आने वाले दिनों में बहुत लाभ होने वाला सुनिश्चित है।
उन्होेंने कहा, “ भारत हमेशा 91वें संशोधन अधिनियम 2003 के लिए अटल जी का कृतज्ञ रहेगा। इस बदलाव ने भारत की राजनीति में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किये। पहला यह कि राज्यों में मंत्रिमंडल का आकार कुल विधानसभा सीटों के 15 प्रतिशत तक सीमित किया गया। दूसरा यह कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत तय सीमा एक-तिहाई से बढ़ाकर दो-तिहाई कर दी गयी। इसके साथ ही दल-बदल करने वालों को अयोग्य ठहराने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश भी निर्धारित किये गए।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई वर्षों तक भारी भरकम मंत्रिमंडल गठित करने की राजनीतिक संस्कृति ने ही बड़े-बड़े “जम्बो” मंत्रिमंडल कार्य के बँटवारे के लिए नहीं बल्कि राजनेताओं को खुश करने के लिए बनाए जाते थे। वाजपेयी ने इसे बदल दिया। इससे पैसों और संसाधनों की बचत हुई। इसके साथ ही कार्यक्षमता में भी बढ़ोतरी हुई।
पीएम मोदी ने कहा, “ यह अटल जी दीर्घदृष्टा ही थे, जिन्होंने स्थिति को बदला और हमारी राजनीतिक संस्कृति में स्वस्थ परम्पराएं पनपी। अटल जी एक सच्चे देशभक्त थे। उनके कार्यकाल में ही बजट पेश करने के समय में परिवर्तन हुआ। पहले अंग्रेजों की परम्परा के अनुसार शाम को पांच बजे बजट प्रस्तुत किया जाता था क्योंकि उस समय लन्दन में संसद शुरू होने का समय होता था। वर्ष 2001 में अटल जी ने बजट पेश करने का समय शाम पांच बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया।”


