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झांसी में अटल जी के अस्थि कलश यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के दौरान आज वीरांगना नगरी झांसी में प्रत्येक वर्ग और विचारधारा के लोग जनप्रिय नेता को अंतिम विदाई देने के लिए उमडे

झांसी में अटल जी के अस्थि कलश यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
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झांसी। पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा के दौरान आज वीरांगना नगरी झांसी में प्रत्येक वर्ग और विचारधारा के लोग जनप्रिय नेता को अंतिम विदाई देने के लिए उमडे।

झांसी के निकट ओरछा में बुंदेलखंड की जीवन रेखा मानी जाने वाली बेतवा नदी में विसर्जन से पहले अस्थि कलश यहां मुक्ताकाशी मंच पर लोगों के दर्शनार्थ रखा गया जहां बड़ी संख्या में लोगों ने राजनीति के पुरोधा को पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह शुक्रवार देर रात सड़क मार्ग से पूर्व प्रधानमंत्री का अस्थि कलश लेकर यहां पहुंचे। अस्थि कलश को सर्किट हाउस में रखा गया। रात्रि विश्राम के बाद सुबह यहां कई नेताओं और गणमान्य लोगों ने जनप्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद अस्थि कलश रथ को सुबह मुक्ताकाशी मंच पर लाया गया जहां भारत रत्न के सम्मान में बड़ी संख्या में लोग आये।

मुक्ताकाशी मंच पर परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, प्रदेश राज्यमंत्री मन्नू कोरी ,सदर विधायक रवि शर्मा ,गरौठा विधायक जवाहर सिंह राजपूत, बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा ,मऊरानीपुर विधायक बिहारी लाल आर्य, जिलाध्यक्ष संजय दुबगे, महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी, पूर्व शिक्षामंत्री रवींद्र शुक्ल के अलावा मीडियाकर्मियाें और सर्वसाधारण ने राजनीति के महानायक को पुष्पांजलि अर्पित की।

मुक्ताकाशी मंच से रथ यात्रा को शहर के बीचोंबीच से गुजारा गया। यह रथ यात्रा मुक्ताकाशी मंच से जीवनशाह चौराहा, बीकेडी चौराहा ,आतिया ताल, पचकुईंया, सिंधी तिराहा,रानी महल, मिनर्वा चौराहा, न्यू रोड, गोविंद चौराहा, झोकनबाग, ईलाइट चौराहा, जेल चौराहा, कचहरी चौराहा,सदर बाजार, तालपुरा चौराहा, बस स्टैंड और रिसाला चौकी होते हुए ओरछा के लिए प्रस्थान कर गयी।

रथ यात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये। रथ के साथ पुलिस वाहन भी शामिल हुए और इस दौरान एनसीसी कैडेटों और स्काउट गाइड के छात्रों का जत्था भी रथ के पीछे पीछे रहा। यात्रा के पूरे मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखी गयी और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती पूरे मार्ग पर की गयी।

रथ यात्रा शहर के जिस जिस हिस्से से होकर गुजरी अपार जनसैलाब अपने चहेते नेता के अंतिम दर्शनों के लिये उमड़ पडा। मकानों की छतों और छज्जों पर खड़ी महिलाओं और बच्चों ने पुष्पवर्षा कर अपने चहेते नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस दौरान सांप्रदायिक सौहार्द और एकता की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली रथ यात्रा में आया प्रत्येक व्यक्ति का केवल एक ही धर्म और कर्तव्य नजर आ रहा था “ अपने नेता को अाखिरी विदाई देना”। “ जब तक सूरज चांद रहेगा , अटल तुम्हारा नाम रहेगा” और “ अटल जी का यह बलिदान, याद करेगा हिंदुस्तान” जैसे नारों के बीच रथ यात्रा शहर भर में आगे बढी और इसके बाद ओरछा के लिए रवाना हो गयी।


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