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जामिया जलने के वक्त पुलिस कमिश्नर पटनायक 'फोटो-शूट' में मशरूफ थे..

'जब रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था।' रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भले ही कोई रोम न जला हो

जामिया जलने के वक्त पुलिस कमिश्नर पटनायक फोटो-शूट में मशरूफ थे..
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नई दिल्ली। 'जब रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था।' रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भले ही कोई रोम न जला हो। न ही नीरो को किसी ने बांसुरी बजाते देखा-सुना हो। इसके बावजूद जो कुछ हुआ वो, इस कहावत को चरितार्थ करने के लिए काफी था। असल में रविवार को जब दिल्ली का जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कालोनी इलाके जल रहे थे, उस वक्त दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक मातहत पुलिस अफसरों के साथ 'फोटो-शूट' कराने में मशगूल थे।


यह आईएएनएस नहीं कह रहा है। जाने-अनजाने इसके गवाह और सबूत दिल्ली पुलिस ने ही तैयार किए हैं। उन तस्वीरों के बतौर जिनमें, पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक बाकायदा लाल फीता काटकर 'नागरिक सुविधा केंद्र' का उद्घाटन करते दिखाई दे रहे हैं। यह जगह द्वारका सेक्टर-10 स्थित डीडीए मार्केट है।

एक अन्य फोटो में पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक सामुदायिक पुलिसिंग वाहन को हरी झंडी दिखाते हुए अपनों से घिरे नजर आ रहे हैं। साथ में रेंज की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह भी मौजूद हैं। यह कार्यक्रम दिल्ली पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निमंत्रण पत्र के मुताबिक शाम करीब पांच बजे के आसपास हुआ। जगह थी द्वारका सेक्टर 14 स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी।

इन दोनों कार्यक्रमों से ठीक पहले यानी दोपहर के वक्त पुलिस कमिश्नर पटनायक संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव और दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल के साथ सूट-बूट में फोटो खिंचवाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह समारोह 'स्वच्छता अभियान' को लेकर जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम इलाके में आयोजित किया गया था। इन सभी कार्यक्रमों में पुलिस कमिश्नर के मातहत हवलदार सिपाही दारोगा भी ब-वर्दी चमकते-दमकते दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल दिल्ली पुलिस मुख्यालय का पब्लिक रिलेशन सेल कई दिन से द्वारका सेक्टर-10 के डीडीए मार्केट में और सेक्टर 14 के कार्यक्रमों की तैयारियों में जुटा हुआ था। कई दिन पहले से ही पीआर सेल कमिश्नर के इन दोनों कार्यक्रमों की पब्लिकसिटी के लिए बेताव था। रोजाना मीडिया को इस कवरेज के बाबत सूचनाएं/ निमंत्रण मेल और सोशल मीडिया के जरिये भेजी जा रही थीं।

इसे इत्तिफाक कहिये या फिर वक्त का फेर कि, रविवार को जब दिल्ली पुलिस कमिश्नर स्वच्छता अभियान को परवान चढ़ाने में जुटे थे। उसी वक्त जामिया को आग में झोंकने की तैयारियां गुपचुप ढंग से शुरू हो चुकी थीं। स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेकर जब और जैसे ही कमिश्नर साहब द्वारका में फीता काटने पहुंचे, तब तक दक्षिण-पूर्वी दिल्ली का जामिया नगर इलाका आग की लपटों में धूं-धूं कर जलना शुरू हो चुका था।

अपनी पर उतरे उपद्रवियों ने देखते-देखते कई बसों को फूंक दिया। दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और मध्य दिल्ली जिले के डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में सोमवार को खुद कबूला कि रविवार की लोमहर्षक घटना में 100 से ज्यादा वाहन फूंक-तोड़-फोड़ डाले गए। 39 लोग जख्मी हो गए। कुछ पुलिसकर्मी अस्पताल में जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं।

इस सबके बावजूद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अपना कथित रूप से 'फीता-काटो खुशियां बांटो' अभियान बदस्तूर जारी रखा। यानी जब जामिया जल रहा था तब पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक फोटो सेशन में मशरूफ थे। इससे बेखबर कि जामिया में कोहराम मचा है और आम नागरिक और दिल्ली पुलिस के अफसर कर्मचारियों की जान के लाले पड़ चुके हैं।


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