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आप की बैठक में अंतर्कलह खुलकर आई सामने, नेताओं के समर्थकों के बीच तनाव, हुई नारेबाजी

दिल्ली के अलीपुर स्थित एक फार्म हाउस में आज आम आदमी पार्टी की बैठक में आपसी कलह खुल कर सामने आ गई

आप की बैठक में अंतर्कलह खुलकर आई सामने, नेताओं के समर्थकों के बीच तनाव, हुई नारेबाजी
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नई दिल्ली। दिल्ली के अलीपुर स्थित एक फार्म हाउस में आज आम आदमी पार्टी की बैठक में आपसी कलह खुल कर सामने आ गई। यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास व अन्य विधायक अमानतुल्ला के बीच विवाद पर जमकर नारेबाजी हुई और दोनों के समर्थक भी आमने सामने आ गए। भारी लाव लश्कर के साथ हुए इस आयोजन में कुमार विश्वास को राजस्थान के प्रभारी होने के नाते अपनी बात कहने का अवसर आखिरी समय में नाम जोड़ कर दिया गया। इस अपमान का अंदाजा कुमार विश्वास को पहले ही था इसीलिए उन्होंने ट्विटर पर इशारों में पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार की जहां पीठ थपथपाई वहीं कार्यकर्ताओं को तैयार रहने का मंत्र दिया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की सरकार बनाने में सभी कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा है। जिस मकसद के लिए जिस राष्ट्रीय बुनियाद के लिए हमने काम किया था उसकी पहली सरकार दिल्ली में है, पंजाब व निगम में विपक्षी दल हैं। सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार का था, हमारी सरकार पर सबसे बड़ा हमला था एसीबी का अधिकार हमसे छीनना। उन्होंने वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में भारत का रैंक बढ़ने के लिए दिल्ली के योगदान का जिक्र किया। साथ ही कहा कि आप की सरकार का देश में नाम रोशन हो रहा है। मैं केंद्र से मोदी जी से कहना चाहता हूं कि आप एक साल हमे काम करने दो तो हम हेल्थ और एजुकेशन में भी आपको अच्छे परिणाम देंगे।हेल्थ में अच्छा काम हुआ है।

श्री सिसोदिया ने कहा कि हम दावे के साथ कह रहे हैं कि हमारा कोई भी मंत्री रिश्वत नहीं लेता। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सुधार कार्य गिनवाए।

पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने बाद में बताया कि दिल्ली सरकार के काम, विभिन्न राज्यों के प्रभारियों ने अपने यहां की समस्या बताईं। आज पार्टी के करीब 300 साथियों ने देश की समस्या पर चर्चा की। वहीं संजय सिंह ने बताया कि देश की आर्थिक समस्या, आर्थिक बदहाली, बेरोजगारी व केंद्र में लोकपाल और राज्य के लोकपाल पर चर्चा हुई।

संजय सिंह ने कहा किकिसानों के प्रस्ताव में हमारा मानना है कि 2014 में मोदी जी ने बड़े बड़े दावे किए थे लेकिन सब शून्य। किसानों के साथ कर्जमाफी पर भद्दा मजाक हुआ, जिस तरह बड़े आदमियों के कर्ज माफ हुए, उस तरह किसान को भी लाभ मिले। दिल्ली सरकार की तर्ज पर केंद्र भी फसल खराब होने पर मुआवजा दे।

उन्होमने कहा कि केंद्र सरकार के लिए भी कई प्रस्ताव पास हुए। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था 5.7 प्रतिशत पर आने, नोटबंदी और जीएसटी से हालात खराब हुए हैं इस पर मोदी सरकार श्वेत पत्र जारी कर स्थिति साफ करे। उन्होंने कहा कि आप का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफहुआ, हमारी सरकार ने विधानसभा में कानून पास किया, इसे केंद्र ने पास नहीं होने दिया, जबकि ये दिल्ली के लिए था।


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