Top
Begin typing your search above and press return to search.

विधानसभा चुनाव : नक्सली हमलों में गिरावट

वर्ष 2003 और 2008 के मुकाबले 2013 के विधानसभा चुनाव में नक्सली हमलों में गिरावट दर्ज की गई

विधानसभा चुनाव : नक्सली हमलों में गिरावट
X

जगदलपुर। छत्तीसगढ के बस्तर संभाग में चुनाव के दौरान नक्सली गतिविधियां अचानक तेज हो जाती है। हालांकि अच्छी खबर ये है कि साल दर साल चुनाव के दौरान नक्सलियों के हमलों में गिरावट आ रही है।

वर्ष 2003 के विधानसभा के चुनाव के दौरान नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया। आंकड़ों के मुताबिक इस चुनाव में संभाग के सातों नक्सल प्रभावित जिलों में 85 हमले किये गए।

नक्सलियों ने कांकेर में 18, बीजापुर में 40, नारायणपुर में 13, कोंडागांव में तीन और सुकमा में 13 बड़े हमलों को अंजाम दिया। इसी चुनाव में नक्सलियों ने 16 विस्फोट किये, 27 मतदान दलों पर गोलीबारी, 47 ईवीएम मशीनों की लूट, दो थानों पर हमला किया गया।

इस वर्ष सुरक्षाबलों के छह जवान शहीद और एक घायल हुआ। नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार के मद्देनजर राजनीतिक दलों के दो नेताओं सहित एक आम नागरिक की हत्या कर दी गई।

नक्सलियों ने चार वाहनों में आग लगाई। सर्चिंग के दौरान दो आईईडी और दो डेटोनेटर जब्त किये गए, वहीं सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच 13 मुठभेड़ हुईं।

वर्ष 2003 के मुकाबले नक्सलियों ने 2008 में अपनी गतिविधियां और तेज करने की कोशिश की, हालांकि उन्हें खुद नुकसान उठाना पड़ा। इस दौरान बस्तर में पांच, दंतेवाड़ा में नौ, कांकेर में 20, बीजापुर में 12, नारायणपुर में 11, कोंडागांव में 17 और सुकमा में 18 नक्सली हमले हुए। नक्सलियों ने 20 विस्फोट किए।

इसी चुनाव में सुकमा के पोडिया में नक्सलियों ने एक हेलीकॉप्टर को भी निशाना बनाया, जिसमें एक इंजीनियर की मौत हो गई। इस दौरान सुरक्षा बलों के 10 जवान शहीद हुए, जबकि घायलों की संख्या 16 थी।

इस चुनाव में राजनीतिक दलों के तीन नेताओं की हत्या कर दी गई, जबकि एक एंटी लैंडमाइन को उड़ा दिया गया। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं से लूट व उनके वाहनों पर आगजनी जैसी घटनाएं भी हुईं।

इस वर्ष पुलिस और नक्सलियों के बीच 55 मुठभेड़ हुईं, जिसमें तीन नक्सली मारे गए तथा 16 गिरफ्तार हुए। भारी मात्रा में हथियार भी जब्त किए गए।

नक्सलियों ने 35 हमले किये। नक्सलियों द्वारा आठ विस्फोट, 21 मतदान दल पर फायरिंग के मामले सामने आए।

इस वर्ष सुरक्षा बलों के तीन जवान शहीद और आठ घायल हुए। इस समय कुल 19 नक्सली मुठभेड़ हुईं, जिसमें तीन नक्सलियों की गिरफ्तारी और हथियारों की जब्ती हुइँ।

प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव भी सुरक्षाबलों वालों के लिए चुनौती माना जा रहा है। चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत से ही नक्सली बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं।

अब तक नक्सलियों ने दो बड़े हमले किए हैं, जिसमें कुल सात जवान शहीद हुए हैं। वहीं दूरदर्शन के एक कैमरामैन की भी मौत हुई है। नक्सलियों ने इस बार भी चुनाव को लेकर बहिष्कार का ऐलान किया है।

बस्तर में नक्सलियों के उन्मूलन के लिए राज्य के 25 हजार पुलिसकर्मियों के अलावा अर्धसैनिक बल के करीब 55 हजार जवान तैनात हैं। चुनाव के लिए अतिरिक्त करीब एक लाख सुरक्षाकर्मियों की तैनाती हुई है।

बस्तर में नक्सलियों के प्रभाव का क्षेत्र काफी सिमटकर रह गया है, लेकिन चुनाव की गहमागहमी के दौरान वे नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it