असम को अवैध प्रवासियों से मुक्त बनाया जाएगा : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि असम को अवैध आव्रजन और बाढ़ से मुक्त किया जाएगा

गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि असम को अवैध आव्रजन और बाढ़ से मुक्त किया जाएगा। सरकार पहले ही राज्य से आतंकवाद और आंदोलन को खत्म करने में सफल रही है। मध्य असम में कमालपुर एवं जागीरोड और दक्षिणी असम में पाथरकांडी एवं सिलचर में चार चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा के शासन में विभिन्न संगठनों के 2,000 से अधिक चरमपंथियों ने आत्मसमर्पण किया। उग्रवादियों पर भी अंकुश लगा है क्योंकि कांग्रेस शासन के दौरान ये सशस्त्र उग्रवादी नंगा नाच कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि असम में बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए उपग्रह सर्वेक्षण के बाद उचित योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। तब असम बाढ़ मुक्त राज्य होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एआईयूडीएफ (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) गठबंधन केवल अवैध प्रवासन, आतंकवाद और आंदोलन का संरक्षण करेगा। पूर्व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दावा किया कि कांग्रेस एआईयूडीएफ प्रमुख को असम की पहचान के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है।
शाह ने कहा कि असम की पहचान महापुरुष श्रीमंत शंकरदेवा, भारत रत्न भूपेन हजारिका और लछित बोरफुकन हैं, न कि अजमल, जिसे उन्होंने "कालापहाड़" कहा है।
असम में लछित बोरफुकन और अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों के बलिदान और योगदान पर प्रकाश डालते हुए गृह मंत्री ने कहा कि बोरफुकन और अन्य प्रमुख हस्तियों को याद करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
बोरफुकन ने 1671 में सरायघाट की लड़ाई में अहोमों का नेतृत्व किया था। मुगलों पर विजय प्राप्त करने के लिए यह लड़ाई एक नदी पर सबसे बड़ी नौसेना लड़ाई मानी जाती है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन शुरू होने से लगभग दो शताब्दी पहले अप्रैल 1672 में उनका निधन हो गया।
शाह ने घोषणा की कि चुनावों के बाद भाजपा की नई सरकार चाय बागानों के श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 350 रुपये तक बढ़ाएगी और उन्होंने प्रत्येक चाय बागानों में अस्पताल, स्कूल और कॉलेज स्थापित करने का वादा भी किया।
चाय बागान श्रमिकों के कल्याण के लिए केंद्रीय बजट में पहले ही 1,000 रुपये करोड़ आवंटित किए गए हैं। असम में 10 लाख चाय बागान श्रमिकों की दैनिक मजदूरी में वृद्धि भाजपा शासित राज्य के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है।
शाह ने कहा कि आधिकारिक और अन्य प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए अब बराक घाटी के लोगों को कई सौ किलोमीटर की यात्रा करने के बाद गुवाहाटी या दिसपुर नहीं जाना पड़ेगा क्योंकि अंचल में 'सचिवालय' की स्थापना की जा रही है। दक्षिणी असम के बराक घाटी क्षेत्र के तीन जिलों - कछार, करीमगंज और हैलाकांडी में 40 लाख से अधिक लोग रहते हैं। इनमें ज्यादातर बांग्ला भाषी हैं।
असम में लागू की गई विभिन्न मेगा विकासात्मक परियोजनाओं के बारे में बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान ऐसे शिकारियों का समर्थन किया, जिन्होंने असम के सैकड़ों गैंडों को मार दिया था, लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद गैंडों के अवैध शिकार की कोई घटना नहीं हुई। शिकारी या तो जेल में हैं या भागे फिर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि गुवाहाटी में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किया जा रहा है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था को बहुत बढ़ावा देगा। पिछले एक महीने से अधिक समय से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्रियों ने भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में बड़े पैमाने पर चुनाव प्रचार किया है। भाजपा अपने पुराने सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) और नए साझेदार यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ मिलकर कांग्रेस के नेतृत्व में 10-पार्टी वाले 'महाजोट' (महागठबंधन) के खिलाफ चुनाव लड़ रही है।


