Top
Begin typing your search above and press return to search.

असम-मिजोरम सीमा विवाद : आर्थिक नाकेबंदी हटाने के प्रयास जारी

असम के दो मंत्री शनिवार को असम और मिजोरम के बीच वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू करने के लिए दोनों राज्यों की अंतर-राज्यीय सीमाओं पर पहुंचे

असम-मिजोरम सीमा विवाद : आर्थिक नाकेबंदी हटाने के प्रयास जारी
X

गुवाहाटी/आइजोल। असम के दो मंत्री शनिवार को असम और मिजोरम के बीच वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू करने के लिए दोनों राज्यों की अंतर-राज्यीय सीमाओं पर पहुंचे।

13 दिनों तक चली आर्थिक नाकेबंदी और मिजोरम जाने वाले सैकड़ों माल लदे वाहनों के फंसे होने के बीच, यह कदम उठाया गया है। दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही रुकने की वजह से जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है और इस वजह से खासकर मिजोरम को काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ रहा है।

असम के कछार में राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर नाकेबंदी, जिसे एक तरह से आर्थिक नाकेबंदी भी कहा जा सकता है, के कारण मिजोरम में आवश्यक वस्तुओं, परिवहन ईंधन और दवाओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।

दोनों राज्यों की सीमा पर 26 जुलाई को खूनी संघर्ष और गोलीबारी के बाद से यह रूट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हिंसा में असम के छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे और नागरिकों सहित दोनों तरफ के 100 अन्य लोग घायल हो गए थे।

अधिकारियों ने कहा कि असम के शहरी विकास मंत्री अशोक सिंघल और पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य के साथ कछार जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक मिजोरम के प्रवेश बिंदु लैलापुर में सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रहे हैं।

कछार जिले के एक अधिकारी ने कहा, दोनों राज्यों विशेष रूप से मिजोरम जाने वाले माल लदे ट्रकों और अन्य वाहनों के बीच वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

नवीनतम विकास के बारे में, मिजोरम के सूचना और जनसंपर्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लालरुत्किमा ने आइजोल में कहा कि असम के मंत्री सिंघल ने उन्हें सूचित किया कि एनएच-306 पर फंसे सभी वाहन शनिवार शाम तक सीमा पार कर जाएंगे।

मंत्री ने ट्वीट किया, हम दोनों राज्यों के बीच शांति बहाली की दिशा में लगातार काम करने के लिए असम और मिजोरम के दोनों माननीय मुख्यमंत्रियों के आभारी हैं।

मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री आर. ललथंगलियाना ने शनिवार को आइजोल में कहा कि मिजोरम आवश्यक वस्तुओं और परिवहन ईंधन के अलावा महत्वपूर्ण दवाओं के गंभीर संकट का सामना कर रहा है। मंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा, कोविड मरीज दवाओं के अभाव में मर रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को जीवन रक्षक दवाओं की सख्त जरूरत है।

उन्होंने कहा, कोविड मामलों की संख्या में वृद्धि के साथ, हमें उन रोगियों की देखभाल करना बेहद मुश्किल हो रहा है, जिन्हें नाकाबंदी के कारण सीमित आपूर्ति को देखते हुए ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है। पीपीई किट सहित अन्य बुनियादी दवाएं और कोविड प्रबंधन की आवश्यकताएं और महत्वपूर्ण दवाएं अभी भी सीमा पर फंसी हुई हैं।

असम और मिजोरम ने गुरुवार को आइजोल में एक महत्वपूर्ण मंत्रिस्तरीय बैठक की थी, जहां उन्होंने अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने का फैसला किया और तटस्थ केंद्रीय बलों की तैनाती का स्वागत किया और सहमति व्यक्त की कि वे अपने संबंधित बलों और अधिकारियों को अशांत सीमा पर नहीं भेजेंगे।

5 अगस्त की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, असम और मिजोरम की सरकारों के प्रतिनिधि असम और मिजोरम में रहने वाले लोगों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए सहमत हैं।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों राज्य सरकारों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दोनों मुख्यमंत्रियों द्वारा अंतर-राज्यीय सीमाओं के आसपास व्याप्त तनाव को दूर करने और चर्चा के माध्यम से विवादों का स्थायी समाधान खोजने के लिए की गई पहल का स्वागत किया और सहमति व्यक्त की है।

मिजोरम के गृहमंत्री और राजस्व मंत्री के साथ ही गृह सचिव एवं कई शीर्ष अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। आइजोल बैठक के बाद, 6 अगस्त को असम सरकार ने अंतर-राज्यीय सीमाओं पर सामान्य स्थिति की वापसी की सुविधा के लिए अपनी सलाह और अन्य परिपत्र वापस ले लिए।

26 जुलाई को सीमा पर संघर्ष और हिंसा के तुरंत बाद असम सरकार ने अपने नागरिकों से मिजोरम और पड़ोसी राज्य में रहने वालों को अत्यधिक सावधानी बरतने के लिए उस तरफ नहीं जाने की सलाह दी थी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it