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असम बजट : गरीबों को मिलेगा 1 रुपये किलो चावल, दुल्हनों को 1 तोला सोना

असम सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट में गरीबों को एक रुपये किलो चावल और दुल्हनों को एक तोला (10 ग्राम) सोना देने समेत कई नई योजनाओं की घोषणा की है

असम बजट : गरीबों को मिलेगा 1 रुपये किलो चावल, दुल्हनों को 1 तोला सोना
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गुवाहाटी। असम सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट में गरीबों को एक रुपये किलो चावल और दुल्हनों को एक तोला (10 ग्राम) सोना देने समेत कई नई योजनाओं की घोषणा की है। असम के वित्तमंत्री हेमंत विस्वा सरमा ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश किया, जिसमें गरीबों को एक रुपये किलो चावल और दुल्हनों को एक तोला सोना प्रदान करने समेत कई अन्य घोषणानाएं की गईं।

वित्तमंत्री ने छात्रों को छात्रावास शुल्क में रियायत समेत कम उम्र की विधवाओं और दिव्यांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए वजीफे की योजनाओं की घोषणा भी की।

बजट में सस्ती पोषण व आहार सहायता योजना (एएनएनए) की घोषणा की गई है जिसके तहत सरकार ने 53 लाख लाभार्थी परिवारों को खाद्य सुरक्षा के तहत तीन रुपये के बदले एक रुपये प्रति किलो चावल मुहैया करवाने का फैसला निया है।

उन्होंने कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी है कि हम अपने प्रदेश में सभी समुदायों की दुल्हनों को एक तोला सोना, जिसकी लागत आज 38,000 रुपये है, शादी के अवसर पर प्रदान करेंगे।"

शर्मा ने कहा, "सरकार डिग्री स्तर (कला, विज्ञान, वाणिज्य) के विद्यार्थियों को मुफ्त में पाठ्यपुस्तक मुहैया करवाएगी जोकि वर्तमान में 12वीं तक के छात्रों को प्रदान की जाती है।"

उन्होंने कहा, "सरकारी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के छात्रावासों में रहने वाले प्रत्येक छात्र को उनकी आर्थिक स्थिति पर विचार किए बगैर उनके मेस बिल में वर्ष में 10 महीने तक हर महीने 700 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा।"

इसके अलावा, सरकार ने चाय बगान क्षेत्र के चार लाख परिवारों को मुफ्त में चावल प्रदान करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि चाय बगान श्रमिकों के परिवारों को दो रुपये किलो चीनी दी जाएगाी।

उन्होंने बजट में एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की जिसके तहत 45 साल तक की महिला के पति के निधन होने पर उसे तत्काल परिवार सहायता के रूप में 25,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा उसे साठ साल की आयु तक प्रति माह 250 रुपये की पेंशन दी जाएगी। साठ साल के बाद उसे वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए वजीफा देने के लिए दो सौ करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। साथ ही असमिया मूल के मुस्लिमों के लिए एक विकास निगम बनाया जाएगा जो इनके विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को देखेगा।


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