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असम : कांग्रेस नेताओं के भगवा खेमे में शामिल होने की खबरों से भाजपा कार्यकर्ता खफा

असम बीजेपी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आठ अक्टूबर को राज्य की आगामी यात्रा के दौरान आयोजित होने वाले मेगा ज्वॉइनिंग कैंप को रद्द कर दिया है

असम : कांग्रेस नेताओं के भगवा खेमे में शामिल होने की खबरों से भाजपा कार्यकर्ता खफा
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गुवाहाटी। असम बीजेपी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आठ अक्टूबर को राज्य की आगामी यात्रा के दौरान आयोजित होने वाले मेगा ज्वॉइनिंग कैंप को रद्द कर दिया है। लेकिन अटकलें अभी भी चल रही हैं कि, कांग्रेस नेता भगवा खेमे में शामिल होने के लिए कतार में हैं। प्रमुख नामों में प्रांजल घाटोवर हैं, जो पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पवन सिंह घाटोवर के बेटे हैं। सीनियर घाटोवर की कभी ऊपरी असम पर मजबूत पकड़ थी, जहां से उन्होंने कई बार चुनाव जीता। हालांकि, वह 2016 के विधानसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र मोरन से भाजपा उम्मीदवार चक्रधर गोगोई से हार गए थे। 2021 में गोगोई ने पवन घाटोवर के बेटे प्रांजल को हराकर मोरन से फिर जीत हासिल की।

इस बीच, राज्य के भाजपा नेता घाटोवारों के बीजेपी में शामिल होने की बात से नाराज हैं। मोरन विधायक चक्रधर गोगोई ने कहा, घाटोवर परिवार का जमीन पर मतदाताओं से कोई संबंध नहीं है। पिता-पुत्र की जोड़ी मेरे खिलाफ दो बार चुनाव हार गई। परिवार हमेशा भाजपा विरोधी रहा है। भाजपा में शामिल होने की उनकी इच्छा के पीछे कोई मकसद होगा।

दुलियाजान से भाजपा विधायक तेराश गोवाला ने भी इस घटनाक्रम पर नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि अगर घाटोवार भाजपा में शामिल होते हैं तो जमीनी कार्यकतार्ओं का मनोबल टूट जाएगा। राज्य मंत्री जोगेन मोहन ने भी कहा कि पार्टी को विधायकों की आपत्तियों पर ध्यान देना चाहिए।

इसी तरह, कांग्रेस के एक अन्य पूर्व मंत्री गौतम रॉय के बेटे राहुल रॉय भी शामिल होने की संभावित सूची में हैं। विशेष रूप से, गौतम रॉय ने 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले पक्ष बदल लिया था और भाजपा के टिकट पर लड़े थे, लेकिन हार गए थे। उस समय भी, अटकलें लगाई जा रही थीं कि उनके बेटे राहुल रॉय को सत्ताधारी पार्टी में जगह मिल सकती है, हालांकि ऐसा नहीं हुआ।

कांग्रेस के पूर्व विधायक राहुल रॉय ने 2021 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और वो भी हार गए थे। हालांकि उन्होंने भाजपा में शामिल होने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन राहुल रॉय के करीबी सहयोगियों ने दावा किया है कि उन्हें पहले ही ऊपर से हरी झंडी मिल चुकी है। अगर बीजेपी राहुल रॉय को पार्टी में लेती है, तो राज्य के मौजूदा नेताओं के बीच असंतोष की संभावना अधिक है।

इस बीच, असम कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और उत्तर करीमगंज के विधायक कमलाख्या डे पुरकाहिस्थ को दुर्गा पूजा के दौरान एक भाजपा विधायक के घर जाते देखा गया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी दुर्गा पूजा के दौरान पुरकायस्थ के निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया और बाद में वह पंडाल में सरमा के साथ नजर भी आए।

हालांकि पुरकायस्थ ने उनके बीजेपी में शामिल होने की खबरों को अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा, दुर्गा पूजा के दौरान हम राजनीतिक जुड़ाव के बारे में भूल जाते हैं और सभी की भलाई के लिए प्रार्थना करने के लिए समय देने की कोशिश करते हैं।

असम भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता ने कहा कि पार्टी में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवारों की सूची लंबी है, लेकिन नेतृत्व अभी तक नामों पर फैसला नहीं कर पाया है। हालांकि कलिता ने इस मुद्दे पर आगे कुछ नहीं कहा है, लेकिन पार्टी के कई नेता भाजपा में नए लोगों के शामिल होने की खबर से नाखुश हैं। शायद यही वजह रही होगी कि राज्य नेतृत्व ने शाह के दौरे के दौरान किसी विवाद से बचने के लिए अंतिम समय में ज्वॉइनिंग कैंप स्थगित कर दिया।


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