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असम भाजपा सांसद ने दो भाइयों की हत्या की सीबीआई जांच की मांग की

भाजपा के वरिष्ठ नेता और सिलचर से लोकसभा सदस्य राजदीप रॉय ने शनिवार को पड़ोसी राज्य मिजोरम में दो चचेरे भाइयों की कथित हत्या की सीबीआई जांच की मांग की

असम भाजपा सांसद ने दो भाइयों की हत्या की सीबीआई जांच की मांग की
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सिलचर (असम)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सिलचर से लोकसभा सदस्य राजदीप रॉय ने शनिवार को पड़ोसी राज्य मिजोरम में दो चचेरे भाइयों की कथित हत्या की सीबीआई जांच की मांग की।

असम बीजेपी के उपाध्यक्ष रॉय ने शनिवार को कहा कि शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने 45 वर्षीय प्रवीण सिंह और उनके 49 वर्षीय बड़े भाई नृपेन सिंह की इस महीने की शुरूआत में मिजोरम में हुई कथित हत्या की सीबीआई जांच की मांग की थी।

सांसद ने मीडिया से कहा, मैंने गृह मंत्री अमित शाह से मिजोरम में दो भाइयों की 'हत्या' की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया है। यह एक गंभीर मामला है। सच्चाई का पता लगना चाहिए।

दोनों भाई दक्षिणी असम के कछार जिले के धोलाई के रहने वाले थे।

रॉय के अनुसार, चालक प्रवीण और उसका भाई (सहायक) नृपेन तेल टैंकर चलाकर हाल ही में दक्षिणी असम से मिजोरम गए थे। असम वापस लौटते समय, प्रवीण पर बदमाशों ने बेरहमी से हमला किया और फिर उनके द्वारा उसकी हत्या कर दी गई और नृपेन को पकड़कर मिजोरम पुलिस को सौंप दिया गया।

मिजोरम पुलिस ने प्रवीण की हत्या के आरोप में नृपेन को गिरफ्तार किया है।

सांसद ने कहा, मिजोरम पुलिस ने नृपेन पर अत्याचार किया और इस तरह एक कोरे कागज पर उसके हस्ताक्षर प्राप्त किए, जिसमें बाद में प्रवीण की हत्या करने का स्वीकारोक्ति नोट लिखा गया था। इसके बाद नृपेन को आइजोल केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। मिजोरम पुलिस के अनुसार 8 फरवरी को, नृपेन ने आइजोल केंद्रीय जेल में रहते हुए आत्महत्या कर ली थी। यह अकल्पनीय और असंभव है।

रॉय और असम के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पीयूष हजारिका ने मृतक भाइयों के घर का दौरा किया। मिजोरम पुलिस ने बाद में इस महीने की शुरूआत में प्रवीण का शव सौंपा था और 10 फरवरी को नृपेन का शव सौंप दिया गया। इससे असम और मिजोरम की अंतर-राज्य सीमा पर तनाव पैदा हो गया है।

सीमा विवाद को लेकर पिछले कुछ वर्षों के दौरान दो पूर्वोत्तर राज्यों की अशांत अंतर्राज्यीय सीमाओं पर कई घटनाएं और झड़पें हुई हैं।

पिछले साल 26 जुलाई को असम-मिजोरम सीमा पर अब तक की सबसे भीषण हिंसा में असम पुलिस के छह जवान शहीद हो गए थे और दोनों पड़ोसी राज्यों के लगभग 100 नागरिक और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे।

असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों ने पिछले साल 26 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में नई दिल्ली में मुलाकात की और अपने सीमा मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों राज्यों की आधिकारिक तौर पर उनकी क्षेत्रीय सीमा रेखाओं (बाउंड्री लाइन्स) की अलग-अलग व्याख्याएं हैं।

दो पूर्वोत्तर राज्य असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों और मिजोरम के कोलासिब, ममित और आइजोल जिलों के बीच 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।


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