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एयरबस पायलटों के लिए दिल्ली में खुलेगा एशिया का पहला प्रशिक्षण केंद्र

फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी एयरबस पायलटों तथा एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों (एएमई) के लिए एशिया का अपना पहला प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली हवाईअड्डे के पास खाेलेगा

एयरबस पायलटों के लिए दिल्ली में खुलेगा एशिया का पहला प्रशिक्षण केंद्र
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नयी दिल्ली। फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी एयरबस पायलटों तथा एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों (एएमई) के लिए एशिया का अपना पहला प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली हवाईअड्डे के पास खाेलेगा।

नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने तथा एयरबस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम एंडर्स ने आज यहां इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास इसका शिलान्यास किया। केंद्र का निर्माण कार्य अगले साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। यहां शुरुआत में दो फुल फ्लाइट सिम्युलेटर लगाये जायेंगे में हर साल 800 पायलटों तथा 200 एएमई को विमान विशेष का प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।

एयरबस ने इसके लिए दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड से 1.1 एकड़ जमीन 31 मार्च 2036 तक लीज पर लेने के लिए गुरुवार को एक करार किया था। श्री राजू ने कहा कि भारतीय विमानन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है तथा इसमें विकास की काफी संभावना है। हालाँकि, इसके लिए बड़ी संख्या में कौशल विकास की भी जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि एयरबस ने सही दिशा में कदम बढ़ाया है।

उन्होंने साथ ही कहा कि एयरबस को देश में विमानों के रखरखाव, मरम्मत तथा ओवरहॉल (एमआरओ) की दिशा में भी पहल करनी चाहिये। टॉम ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुये स्पष्ट किया कि एयरबस सिर्फ विमान निर्माण कारोबार में है तथा एमआरओ के क्षेत्र में कदम रखने का उसका कोई इरादा नहीं है।

उन्होंने कहा कि कंपनी अपने ग्राहक एयरलाइंसों को अभी भी सहयोगी एमआरओ कंपनियों के माध्यम से एमआरओ सुविधा उपलब्ध करा रही है तथा सहयोगियों के साथ मिलकर देश में एमआरओ क्षमता के विकास में मदद के लिए वह तैयार है।

इस मौके पर नवोदित विमान सेवा कंपनी विस्तारा ने एयरबस इंडिया ट्रेनिंग सेंटर में पायलटों के प्रशिक्षण के लिए पाँच साल का करार किया है। इस प्रकार वह एयरबस के साथ प्रशिक्षण करार करने वाली पहली एयरलाइंस बन गयी है।

विस्तारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी फी टीक यो ने कहा कि इस समझौते से विस्तारा को काफी फायदा होगा। इससे न/न सिर्फ विमान उड़ाने से पहले पायलटों को सिम्युलेटर पर ज्यादा लंबा प्रशिक्षण मिल सकेगा बल्कि मशीन-मानव संप्रेषण की गुणवत्ता भी बेहतर हाे सकेगी।

करार के पाँच साल की अवधि वर्ष 2018 के अंत में शुरू होगी। इसके तहत ए320 विमानों में फुल फ्लाइट सिम्युलेशन तथा एयरक्राफ्ट प्रोसीजर का प्रशिक्षण शामिल होगा। साथ ही कंप्यूटर आधारित क्लासरूम प्रशिक्षण और स्टैंडर्ड पायलट ट्रांजिशन प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। शिलान्यास के मौके पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा तथा नागरिक उड्डयन सचिव राजीव नयन चौबे भी मौजूद थे।


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