आश्रम,छात्रावासों में व्यवस्था चरमराई,बच्चे संक्रमित पानी पीने मजबूर
क्षेत्र के आश्रम और छात्रावासों की व्यवस्था पिछले कुछ महीनों से बेहद खराब हो गई है

बतौली। क्षेत्र के आश्रम और छात्रावासों की व्यवस्था पिछले कुछ महीनों से बेहद खराब हो गई है। इस वजह से इनमें निवासरत बच्चे काफी परेशान है। कहीं बच्चे ढोढ़ी में नहाने को मजबूर है तो कहीं मेंढक तैरते संक्रमित पानी पीकर बच्चे बीमार हो रहे हैं। आधारभूत सुविधाओं से वंचित आश्रमों और छात्रावासों के बच्चों को देखने वाला कोई नहीं है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है ।
बतौली क्षेत्र के छात्रावासों और आश्रमों की व्यवस्था भगवान भरोसे संचालित हो रही है। क्षेत्र में पांच प्री मैट्रिक एदो पोस्ट मैट्रिक और पांच आश्रम स्थापित है ।इन संस्थानों में अव्यवस्था वर्षों से विद्यमान हैं। बावजूद इसके आज तक इन मामलों में संज्ञान नहीं लिया गया।
पिछले दिनों बतौली जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती अमिता गुप्ता और जनपद सदस्य व विधायक प्रतिनिधि शिक्षा विभाग राजकुमारी पाल के दौरों के दरमियान व्यापक पैमाने पर खामियां उजागर हुई है। दोनों ही जनप्रतिनिधियों ने जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। क्षेत्र के अधिकांश आश्रमों और छात्रावासों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की भी जमकर धज्जियां उड़ाई ही पहाड़ी कोरवा आश्रम बैजनाथपुर 50 सीटर संस्थान है ।
इसमें बच्चों के लिए लगाए गए पंखे खराब हो गए हैं ।पूरे आश्रम की वायरिंग खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है । यहां तक रात को अधीक्षक आश्रम में ठहरते नहीं है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बच्चों ने बताया कि उन्हें सुबह एशाम नाश्ता नहीं दिया जाता।
कुएं का पानी पीने की मजबूरी हो गई है। कुएं में मेंढक और अन्य जीवाणु, कीटाणु उपस्थित होने से कुएं का पानी संक्रमित हो गया है। चौपाल समाजसेवी संस्था द्वारा किसी तरह टुल्लू पंप लगाए जाने के बाद भोजन इत्यादि बनाने के लिए पानी की व्यवस्था की गई है। कुँए का संक्रमित पानी पीने से बच्चे बीमार हो रहे हैं।
जल जन्य बीमारी से प्रभावित होकर बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा फ्लोराइड युक्त पानी निकलने की शिकायत पर एक हैंडपंप में फिल्टर प्लांट लगाया गया था। कई महीनों से यह खराब पड़ा हुआ है। बच्चों ने बताया कि वे पुटुस का दातुन तोड़ कर लाते हैं और उसी से दांत साफ करते हैं।
पानी की कमी की वजह से बच्चों को पास के ढोढ़ी में नहाने जाना पड़ता है। इसी तरह की अव्यवस्था सरमना बालक छात्रावास में व्याप्त है । सरमना बालक छात्रावास के बच्चे भी पास के तालाब में नहाने जाते हैं। चार में से दो पंखे खराब हो गए हैं । गर्मी की शुरुआत में ही तंगहाल कमरों में बच्चों को उमस भरे माहौल में पढ़ने की मजबूरी हो गई है। जनपद उपाध्यक्ष अमिता गुप्ता ने दोनों ही संस्थानों की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कार्रवाई की मांग की है।
कोयले से जल रहा चूल्हा
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अस्तित्व में आने के बाद छात्रावासों, आश्रमों और मध्यान्ह भोजन बनाने के दौरान गैस चूल्हे के उपयोग के आदेश शासन द्वारा दिए गए हैं।
बावजूद इसके अधिकांश शिक्षा संस्थान इन आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे। पहाड़ी कोरवा आश्रम गोविंदपुर में आज तक कोयले से और चूल्हे से भोजन बनाया जा रहा है। टीरंग और मंगारी में भी नियमित रिफिलिंग ना करने की समस्या बनी हुई है।
घटिया सेनेटरी पैड वितरित
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के निरीक्षण के दौरान पाई गई खामियों के संबंध में जनपद सदस्य राजकुमारी पाल ने बताया कि छात्राओं को सेनेटरी पैड अत्यंत घटिया गुणवत्ता के लिए जा रहे हैं। पैकेटबंद उच्च गुणवत्ता के सेनेटरी पैड दिए जाने के संबंध में शीघ्रता से कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि आवासीय विद्यालय अंदर से बेहद जर्जर हो चुका है फिर भी चूने से पोताई करवा दी गई है। जनपद उपाध्यक्ष अमिता गुप्ता ने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अत्यंत कम भोजन छात्राओं को दिया जाता है जिससे उन्हें भूखा रहने की मजबूरी आ जाती है।
जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं
छात्रावास और आश्रमों की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए। इन संस्थानों में स्थानीय बच्चे निवासरत हैं। आधारभूत सुविधाओं से वंचित आश्रम और छात्रावासों के जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। बार-बार निरीक्षण के दौरान कमियां पाए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस संबंध में तत्काल संज्ञान लेने की आवश्यकता है ।
अमिता गुप्ता, जनपद उपाध्यक्ष जनपद पंचायत, बतौली


