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राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार अशोक सिंघल को जयंती पर किया याद

राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार रहे अशोक सिंघल को उनकी जयंती पर रविवार को याद किया गया

राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार अशोक सिंघल को जयंती पर किया याद
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नई दिल्ली। राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार रहे अशोक सिंघल को उनकी जयंती पर रविवार को याद किया गया। महर्षि वाल्मीकि शोध संस्थान की ओर से आयोजित वेबिनार में विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने उन्हें महामानव बताया। बंसल ने कहा कि अशोक सिंहल का स्पष्ट मानना था कि जब महर्षि वाल्मीकि के बिना भगवान श्रीराम की कल्पना अधूरी है तो अनुसूचित जाति, जनजाति व वनवासी बंधुओं की प्रगति के बिना राष्ट्र भी आगे कैसे बढ़ सकता है? 1989 में उन्होंने काशी के डोम राजा को न सिर्फ स्वयं उनके घर जाकर विराट हिंदू सम्मेलन का निमंत्रण दिया, बल्कि संतों के मंच के मध्य सत्कार पूर्वक बैठाया और उनके यहां भोजन भी किया।

बंसल ने यह भी कहा कि हजारों एससी-एसटी बंधुओं को पुजारी और पुरोहित के रूप में प्रशिक्षत कर मंदिरों व घरों में धार्मिक कर्मकांडों के लिए तैयार करने का बीड़ा अशोक सिंघल ने ही उठाया था जो आज सामाजिक समरसता के क्षेत्र में अनुपम उदाहरण बन चुका है।

उन्होंने कहा कि अशोक सिंघल के प्रयासों के कारण ही आज एकल अभियान के माध्यम से बिना किसी सरकारी मदद के एक लाख से अधिक ग्राम शिक्षा मंदिरों का संचालन हो रहा है।


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