सचिन पायलट ने किया कमाल का काम—अशोक गहलोत
सचिन पायलट ने जब गहलोत से बगावत की तो सरकार के तेवर पायलट को लेकर तल्ख हो गए. गहलोत की नजर में तो पायलट निकम्मे, बेकार और न जाने क्या क्या हो गए. लेकिन जैसे ही पायलट वापस गहलोत कैम्प में लौटे और उन्होंने सरकार के समर्थन का ऐलान किया उसके बाद गहलोत के तेवर और जुबान दोनों ही बदल गए हैं

पिछले 1 महीने से राजस्थान की राजनीति में बहुत कुछ देखने को मिला... राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच ऐसी तकरार देखी गई जिससे राजस्थान की कांग्रेस सरकार ही मुश्किल में फंस गई. पार्टी को अपने विधायकों की बाड़ाबंदी करनी पड़ी यहां तक कि जयपुर से दूर जैसलमेर में विधायकों को ले जाना पड़ा. पार्टी का विवाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. तो सरकार ने भी पायलट की नजरें टेढी कर ली. एक महीने तक ऐसा एक भी दिन नहीं गया जिस दिन अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर तल्ख बयान न दिए हो. गहलोत ने पायलट को धोखेबाज कहा गया, निकम्मा, नाकारा तक कहा. गहलोत पायलट के खिलाफ लगातार बोल रहे थे कि तभी दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की कोशिशों ने पायलट का मन बदल दिया और पायलट की कांग्रेस में वापसी भी हो गई. शुरूआत में तो दिल्ली में हुए खेल से गहलोत कैम्प में खलबली मच गई. लेकिन अशोक गहलोत ने जल्दी ही स्थिति को संभाल लिया. सबसे पहले उन्होंने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया और उसके बाद आज पायलट से सभी गिले शिकवे दूर होने के संकेत दिए. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की जुबान अब सचिन पायलट को लेकर बदल गई है. उन्होंने पायलट के काम की तारीफ करते हुए कहा कि राजस्थान में उनकी सरकार के डेढ साल के कार्यक्रम में राज्य के हित में बहुत काम हुए. लेकिन सबसे ज्यादा काम उस विभाग में हुआ जिसके मंत्री सचिन पायलट थे. दरअसल 15 अगस्त को झंडारोहण के बाद सीएम गहलोत ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश भर में सबसे अधिक राजस्थान सरकार ने किसी विभाग में सफलता पाई है तो वह मनरेगा है. मनरेगा कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी ग्रामीण विकास मंत्रालय पर थी. और ये विभाग कुछ दिनों पहले तक सचिन पायलट के पास था. हालांकि गहलोत ने पायलट का नाम तो नहीं लिया. लेकिन बिना नाम लिए उनकी तारीफ करते हुए कहा कि जो काम राज्य के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने किया उसकी तारीफ पूरे देश में हो रही है. अशोक गहलोत द्वारा पहले सचिन पायलट को निकम्मे का टैग देना और फिर उनके काम की तारीफ करने से गहलोत समर्थक खुद असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं.


