आसरा शेल्टर होम की हालत बेहद भयावह है: कम्युनिस्ट पार्टी
मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले का खुलासा होने के बाद एक महिला और एक युवती की मौत के कारण चर्चा में आये राजधानी पटना के आश्रयगृह आसरा होम के बारे में जांच के आधार पर

पटना। मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले का खुलासा होने के बाद एक महिला और एक युवती की मौत के कारण चर्चा में आये राजधानी पटना के आश्रयगृह आसरा होम के बारे में जांच के आधार पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने आज कहा कि गृह की हालत बेहद भयावह है और यहां रह रही बच्चियों भयभीत हैं।
भाकपा-माले, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (ऐपवा) और अखिल भारतीय विद्यार्थी संघ (आईसा) की संयुक्त जांच टीम ने राजधानी पटना के राजीवनगर क्षेत्र में संचालित गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन के आश्रय गृह आसरा होम का मुआयना किया। जांच टीम ने बताया कि गृह की लड़कियों एवं आसपास के लोगों से बातचीत के आधार पर प्रतीत होता है कि बबली (40) और पूनम (17) की मौत कोई सामान्य घटना नहीं है बल्कि दोनों की साजिश के तहत हत्या की गई है। इस गृह की हालत बेहद भयावह है और वहां रह रही लड़कियां पूरी तरह भयभीत हैं।
टीम ने कहा कि लड़कियों ने खिड़की पर आकर बताया कि 10 अगस्त को तीन से चार बजे के बीच संस्थान की कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल की गाड़ी पर तबीयत खराब होने के कारण बबली देवी को इलाज के लिए ले जाया गया। पूनम उनकी देखभाल के लिए साथ गई थी लेकिन आसरा होम में रह रही लड़कियों को आज तक उन दोनों की मौत का पता नहीं। ऐसे में सवाल उठता है कि महज तीन से चार घंटे के बीच आखिर ऐसा क्या हो गया कि दोनों की मौत हो गई।
आश्रयगृह के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने जांच टीम को बताया कि आए दिन लड़कियों के रोने चिल्लाने की आवाज आती रहती है। होम में तैनात गार्ड उन्हें पीटा करता है। उन्हें न तो ठीक से भोजन दिया जाता है और न ही उनका इलाज कराया जाता है। जांच टीम को आसरा होम में रहने वाली महिलाओं-लड़कियों ने वहां से निकालने की अपील की है। जांच टीम ने मांग की है कि शेल्टर होम में रहने वाली सभी 52 संवासनियों को तत्काल दूसरी सुरक्षित जगह स्थानांतरित किया जाए तथा उनमें जो अपने घर जाना चाहती हैं उन्हें अविलंब घर भेजा जाए।


