Top
Begin typing your search above and press return to search.

असदुद्दीन ओवैसी जहां भी जाएंगे पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे : वारिस पठान

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने पहलगाम हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने की केंद्र की पहल का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जहां भी जाएंगे

असदुद्दीन ओवैसी जहां भी जाएंगे पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे : वारिस पठान
X

मुंबई। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने पहलगाम हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने की केंद्र की पहल का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जहां भी जाएंगे पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे।

वारिश पठान ने से कहा, "हम मल्टी पार्टी डेलिगेशन का स्वागत करते हैं। हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह जहां भी जाएंगे पाकिस्तान की पोल खोलेंगे।"

उन्होंने कहा कि जब पहली बार सर्वदलीय बैठक हुई थी, उसी समय एआईएमआईएम ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया था कि हम सरकार के साथ हैं और सरकार पाकिस्तान में आतंकवादियों को खत्म करने के लिए जो भी कदम उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, "हम देश के जवानों के साथ खड़े थे, खड़े हैं और खड़े रहेंगे। मैं देश के जवानों को सलाम करता हूं। लगभग 25 मिनट के अंदर नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना और 100 के करीब आतंकवादियों को मार देना एक बड़ी कामयाबी है।"

वक्फ संशोधन बिल पर वारिस पठान ने कहा, "वक्फ संशोधन बिल को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। हमारे पार्टी अध्यक्ष ने प्रदर्शन का समर्थन किया है। बिल के खिलाफ असदुद्दीन ओवैसी ने 25 मई को मानव श्रृंखला बनाकर विरोध-प्रदर्शन करने की अपील की है।"

उड़ान के दौरान इंडिगो के विमान के खराब होने पर पाकिस्तान ने आपातकालीन लैंडिंग की अनुमति नहीं दी। इस पर वारिस पठान ने कहा, "इंसानियत के नाते पाकिस्तान को लैंडिंग स्पेस देना चाहिए था। ऐसा नहीं करके उसने इंसानियत का गला घोंटा है।"

शनि शिंगणापुर में मंदिर ट्रस्ट ने मुस्लिम कर्मचारियों को निकाल दिया है। इस पर वारिस पठान ने निराशा जताई और इसे संविधान के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, "संविधान ने हमें यह इजाजत दी है कि हम अपने मन के हिसाब से कहीं पर भी काम कर सकते हैं। लेकिन अगर इस प्रकार से मंदिर प्रशासन काम कर रहे कर्मचारियों को हटाता है, तो मैं समझता हूं कि इंसानियत मर गई है। अगर मांसाहार सेवन की बात है, तो हिंदू भी मांसाहार करते हैं। आज के समय में बीफ का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर हिंदू है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it