नीति आयोग की बैठक में चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उठाया केजरीवाल का मुद्दा
गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच विवाद का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष उठाकर

नयी दिल्ली। गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच विवाद का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष उठाकर इसे हल करने का आग्रह किया है।
नीति आयोग की आज नयी दिल्ली में आयोजित बैठक में भाग लेने के लिए आए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ,कर्नाटक के एच डी कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने पीएम मोदी से अलग से मुलाकात कर दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत की।
बनर्जी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। चारों मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को भी एक संवाददाता सम्मेलन कर इस मामले को उठाया था।
I along with the Hon’ble CMs of Andhra Pradesh, Karnataka and Kerala have requested Hon’ble PM today to resolve the problems of Delhi government immediately.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) June 17, 2018
केजरीवाल के घर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा,“ हम लोगों ने केजरीवाल से मिलने के लिए उपराज्यपाल से अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। जो आज दिल्ली में हो रहा है, ऐसा ही संकट किसी और राज्य में भी हो सकता है। दिल्ली में अगर छोटी-सी समस्या नहीं निपट रही है, तो देश का क्या होगा। ऐसी कोई भी समस्या नहीं होनी चाहिए जिससे सरकार और आम जनता कठिनाई महसूस करे। दिल्ली में दो करोड़ लोग हैं और इस राज्य में चार माह से कामकाज नहीं हो रहा है। इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता। उपराज्यपाल ने हमें मिलने का समय नहीं दिया तो हम किसके पास जायें। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करें। रविवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में हमलोग पीएम माेदी से इस संबंध में बात करेंगे।”
बनर्जी ने कहा, “मैं केजरीवाल से मिलना चाहती थी लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गयी। मुख्यमंत्रियों को मिलने नहीं देना लोकतंत्र की हत्या है।”
नायडू ने कहा,“ दिल्ली के मुख्यमंत्री को समर्थन देने के लिए यहां आए हैं। केन्द्र और राज्य को मिलकर काम करना चाहिए। बनर्जी ने उपराज्यपाल से मिलने के लिए वक्त मांगा था लेकिन नहीं दिया गया।” कुमारस्वामी ने कहा,“ लाेकतंत्र की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री को कदम उठाना चाहिए।
उधर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विवाद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने केजरीवाल पर निशाना साधा। दीक्षित ने कहा कि 15 साल दिल्ली में उन्होंने भी सरकार चलाई और कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार किसी कायदे कानून के मुताबिक ही चलती है। ऐसा नहीं है कि जो आप का मन करे वह करें।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल को सरकार चलाने के लिए जो अधिकार मिले हुए हैं उन्हें उनका इस्तेमाल कर दिल्ली की जनता के लिए काम करना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल का माफी मांगने का रिकार्ड है।
उन्होंने 2014 में 49 दिन की सरकार का इस्तीफा देने के बाद माफी मांगी। हाल ही में मजीठिया, जेटली और सिब्बल से माफी मांगी तो उसी तरह दिल्ली के मुख्य सचिव से क्यों नहीं मांग लेते और सरकार चलाते।
माकन ने कहा कि केजरीवाल के अहम का खामियाजा दिल्ली की जनता को क्यों भुगतना पड़े। केजरीवाल पिछले सात दिन से राजनिवास कार्यालय में अपने तीन मंत्रियों के साथ धरने पर हैं। उनका आरोप है कि दिल्ली के नौकरशाह तीन माह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं जिससे सरकार काम नहीं कर पा रही है। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ फरवरी में मुख्यमंत्री आवास पर कथित मारपीट के बाद सरकार और नौकरशाही के बीच विवाद चल रहा है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल का राजभवन में जारी धरना आज छठे दिन में प्रवेश कर गया, लेकिन अब तक उपराज्यपाल ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया है।
आईएएस अधिकारियों के राज्य सरकार के साथ कथित असहयोग को लेकर श्री केजरीवाल और उनके मंत्री 11 जून से ही राजभवन में धरने पर बैठे हैं। उनकी माँग है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल अधिकारियों को सरकार के साथ सहयोग करने का निर्देश दें। उनके बार-बार आग्रह पर भी उपराज्यपाल उनसे नहीं मिल रहे हैं।


