अरुंधति भट्टाचार्य ने छात्रों को थ्री एल सिद्धांत के बारे में जानकारी दी
भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने छात्रों को व्यक्तिगत तथा व्यापारिक खुशी के अलावा सफलता से जुड़े हुये थ्री एल के सिद्धांत के बारे में जानकारी दी।
कोलकाता। भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य ने छात्रों को व्यक्तिगत तथा व्यापारिक खुशी के अलावा सफलता से जुड़े हुये थ्री एल के सिद्धांत के बारे में जानकारी दी।
भट्टाचार्य ने प्रैक्सिस बिजनेस स्कूल के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “पहला एल सीखना जो प्रत्येक दिन सीखने की आदत को दर्शाता है। इस दृष्टि से हमारे शैक्षणिक तथा व्यापारिक संस्थान एक सामान हैं। सिर्फ किताबों से ही नहीं सिखा जाता है। हमें अपने आस-पास के लोगों से भी सीखने की जरुरत है। यहां उन्होंने पेशेवर का उदाहरण दिया जिसने खुद को प्रमाणित किया है और कहा कि हमें उससे सीख लेने की जरुरत है ताकि हम जो भी काम करें वह प्रासंगिक हो।
उन्होंने कहा, “दूसरा एल प्यार जिसका मतलब सिर्फ काम या पेशे से ही प्यार करना नहीं बल्कि मानवता से प्यार करना है। अगर हम सही में अपने काम से प्यार करते हैं तो हम किसी ना किसी समय ऊंचाई को हासिल करने में कामयाब होंगे और विजयी होकर उभरेंगे। प्यार हमें देने का अधिकार देता है लेने का नहीं और यह जुनून के साथ हमारे लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में हमें सक्षम बनाता है।
भट्टाचार्या ने कहा, “तीसरा एल हंसी है। हंसी मुश्किल तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में चेहरे पर मुस्कुराहट लाने और खुद को गंभीरता से नहीं लेने की क्षमता प्रदान करती है।”


