अरुण जेटली गुजरात पर बोझ: यशवंत सिन्हा
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज कहा कि मौजूदा वित्त मंत्री अरूण जेटली को वह गुजरात पर ‘बोझ’ मानते हैं

अहमदाबाद। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज कहा कि मौजूदा वित्त मंत्री अरूण जेटली को वह गुजरात पर ‘बोझ’ मानते हैं और जीएसटी को लागू करने में गड़बड़ी और इस मामले में ‘चित मै जीता, पट तुम हारे’ की तर्ज पर बर्ताव कर रहे इस मंत्री से कुर्सी छोड़ने की मांग का जनता का वाजिब हक मानते हैं।
हालांकि देश में कारोबारी सुगमता यानी इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत की स्थिति में सुधार का उन्होंने स्वागत किया और कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है पर मुश्किल यह है कि देश के बाहर की वाहवाही को स्वीकार करने वाले हम लोग देश के अंदर से होने वाली आलोचना को खारिज कर देते हैं। जबकि जरूरी यह है कि हमे इस बात की अधिक चिंता करनी चाहिए कि दुनिया की तुलना में भारत के लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं।
देश की आर्थिक स्थिति पर पिछले दिनों अपने लेख में मोदी सरकार पर हमला बोल सियासी तूफान उठाने वाले सिन्हा ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत कहा कि गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने गये जेटली राज्य की जनता के लिए बोझ जैसे हैं।
उन्होंने जेटली के खिलाफ अपनी तल्खबयानी जारी रखते हुए कहा, ‘मै वित्त मंत्री को गुजराती नहीं मानता। वह गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने गये होंगे पर वे आप पर बोझ हैं। अगर वह नहीं चुने जाते तो उनकी जगह किसी गुजराती को मौका मिला होता।’ ज्ञातव्य है कि 2012 में भाजपा की ओर से राज्यसभा में चुने गये जेटली 2014 में मोदी लहर के बावजूद पंजाब की अमृतसर लोकसभा सीट पर चुनाव हार गये थे। मोदी के करीबी और विश्वासपात्र माने जाने वाले जेटली फिलहाल गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ भाजपा के प्रभारी भी हैं।
कथित तौर पर कांग्रेस समर्थित एक एनजीओ लोकशाही बचाओ आंदोलन के आमंत्रण पर गुजरात में चुनावी माहौल के बीच अहमदाबाद, राजकोट और वडोदरा में देश की आर्थिक स्थिति पर बोलने के लिए आये श्री सिन्हा ने कहा कि जीएसटी एक बेहतर कर प्रणाली है पर इसे गलत तरीके से लागू किया गया है। जेटली इसमें सभी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार है और इसके जरिये उन्होंने देश पर एक बहुत ही गलत ढंग वाली कर प्रणाली थोप दी है और अब इसमें अस्थायी अथवा तदर्थ अंदाज में बदलाव कर ‘चित मै जीता पट तुम हारे’ की नीति पर चल रहे हैं। देश और देश की जनता को उनको पद से हटाने की मांग करने का पूरा हक है। सिन्हा ने जीएसटी के मौजूदा स्वरूप में बदलाव के लिए कई सुझाव भी दिये।
एक प्रश्न के उत्तर में सिन्हा ने यह भी स्वीकार किया कि श्री मोदी के मुख्यमंत्रित्वकाल में गुजरात ने जीएसटी का विरोध किया था और राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री सौरभ पटेल का यह बयान कि इससे गुजरात को नौ हजार करोड का नुकसान होगा अब भी संसदीय कार्यवाही की रिकार्ड में है।
उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और अराजकता जैसी स्थिति पैदा की। इससे बडी संख्या में लोग बेराजगार हो गये। जीएसटी से छोटे व्यापारियों को बहुत परेशानी हुई। सिन्हा ने तल्ख लहजे में यह भी कहा कि वह अपने आप को भाजपा के मार्गदर्शक मंडल का सदस्य नहीं मानते। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के एक कर सुझाव को बचकाना बताने वाले जेटली स्वयं कभी ऐसी ही बात करते थे।


