जीडीपी रिपोर्ट पर कांग्रेस को अरुण जेटली का जवाब, ‘UPA को वाजपेयी सरकार की नीतियों का फायदा’
पिछले दिनों राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया था कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने जीडीपी को दहाई अंक तक पहुंचाया था जो सर्वाधिक वृद्धि है। इस आंकड़ों के सामने आने के बाद

नई दिल्ली। पिछले दिनों राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया था कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने जीडीपी को दहाई अंक तक पहुंचाया था जो सर्वाधिक वृद्धि है। इस आंकड़ों के सामने आने के बाद से ही कांग्रेस बीजेपी को घेर रही है। पी चिदंबरम ने भी अर्थव्यवस्था और प्रबंधन को लेकर सरकार पर निशाना साधा था जिसपर अब केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया है।
Growth During the UPA – Its Quality and Circumstances https://t.co/xKcdJow31f
— Arun Jaitley (@arunjaitley) August 19, 2018
जीडीपी से संबंधित आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार लगातार घिरती जा रही है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि देश की अर्थव्यवस्था ‘सही’ हाथों में नहीं है और यही वजह है कि दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्री बीच में ही सरकार का साथ छोड़ चुके हैं। इन्ही आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली सरकार का बचाव में सामने आए और फेसबुक पोस्ट कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
For India to grow at a high rate during 2003-08 was quite obvious. The NDA Government led by Shri Atal Bihari Vajpayee went out of office in 2004 leaving behind an 8% plus growth rate, additionally the Government had the benefit of a continuous incremental reforms from 1991-2004.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) August 19, 2018
Given global scenario 10 years of UPA could have been great opportunity for India but it was lost. As there were no significant domestic reforms carried out during this period. However, when this honeymoon ended, growth started slipping down.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) August 19, 2018
उन्होंने लिखा है कि पिछले कुछ वर्षों के जीडीपी रेट से जुड़े जो आंकड़े वेबसाइट पर डाले गए हैं, उसे अभी तक राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी की सलाहकार समिति ने स्वीकृति नहीं दी है। स्वीकृति मिलने के बाद ही ये आंकड़े आधिकारिक माने जाएंगे।
To ensure that growth is maintained, UPA govt. took two steps, firstly, fiscal discipline was compromised and secondly, the banking system was advised to go in for reckless lending, evergreening loans and camouflaging NPA. This led to banks having no capital to lend further.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) August 19, 2018
To ensure that growth is maintained, UPA govt. took two steps, firstly, fiscal discipline was compromised and secondly, the banking system was advised to go in for reckless lending, evergreening loans and camouflaging NPA. This led to banks having no capital to lend further.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) August 19, 2018
उन्होंने लिखा कि 2003-04 के दौरान ग्लोबर इकॉनमी में जबरदस्त बूम देखा गया था। इसका नतीजा हा कि वैश्विक विकास हुआ। बहुत सी अर्थव्सवस्था उस वक्त अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं और सभी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं ने उच्च विकास दर दिखाना शुरू कर दिया था। ऐसा 2008 तक चला।
2003 से 2008 तक भारत ने उच्च विकास दर के साथ प्रगति की थी और ऐसा होना काफी स्पष्ट था, क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार, जो 2004 तक सत्ता में थी, उसने 8 फीसदी ग्रोथ रेट हासिल कर लिया था और इसी रेट पर उसने देश को छोड़ा था। 2004 में जब यूपीए की सरकार सत्ता में आई तो उस वक्त भारत पहले से ही अच्छी खासी ग्रोथ रेट पर था।
एनडीए की सरकार के कार्यकाल के दौरान महंगाई भी ज्यादा तेजी से नहीं बढ़ी। उन्होंने कहा 1999-2004, इस वक्त एनडीए सत्ता में थी, तब महंगाई दर 4.1 फीसदी थी। लेकिन जब यूपीए सत्ता में आई तो 2004 से 09 तक महंगाई दर 5.8 फीसदी हुई। 2009 से 14 तक महंगाई दर 10.4 फीसदी पर पहुंच गई और 2014 से अभी तक महंगाई दर 4.7 फीसदी पर है, अभी केंद्र में एनडीए की सरकार है। कांग्रेस को आंकड़ों के फेर में फंसा कर जेटली एक बार फिर ये कहने की कोशिश की है कि बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था हमें विरासत में मिली है।
Post 2014, when the global economy was in slowdown mode, it was India and India alone which has been the fastest growing economy in the world for the last four years and has consistently overtaken China in the growth rate.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) August 19, 2018


