कोरोना से उपजे हालात को कलाकृति के जरिये दर्शा रहा है बुजुर्ग
कला उम्र की मोहताज नहीं होती वक्त चाहे अच्छा हो या बुरा , कलाकार को उसकी आकृति को उकेरने में समय नहीं लगता।

हरदोई। कला उम्र की मोहताज नहीं होती वक्त चाहे अच्छा हो या बुरा , कलाकार को उसकी आकृति को उकेरने में समय नहीं लगता। एक चार्ट पेपर पर अपनी रंग भरने की कला से एक कलाकार उसी पर दुनिया को समेटने की ताकत रखता है।
हरदोई जिले के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग कलाकार लाकडाउन के दिनों में रंग और ब्रश से नाता जोड़कर कोरोना वायरस के खतरे को लेकर उपजे हालातों को रंगों के माध्यम से चार्ट पेपर पर उकेर कर सन्देश दे रहे है।
शहर के पेनी पुरवा के रहने वाले चंद्र प्रकाश सोनी घर के कमरे में लॉक डाउन के कारण रहने को विवश अपने बेड पर चार्ट पेपर पर रंगो से आकृति उकेरने में लगे है। छोटी उम्र से लेकर आज तक उनका रंगों से प्रेम कम नहीं हुआ। आर्ट के प्रति इस प्रेम को ही उन्होंने अपना व्यवसाय बना लिया और शहर में एक पेंटिंग की दुकान खोलकर पूरे शहर में वह प्रकाश पेंटर के नाम से प्रसिद्ध भी हैं।
इन दिनों जब लाकडाउन में सब कुछ बंद है तो वह भी लाकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने घर में रह रहे हैं। इतनी उम्र में घर में खाली रहने के दौरान उन्होंने रंग और ब्रश से अपना नाता नहीं तोड़ा उलटे घर में रहकर उन्होंने कोरोना वायरस के बाद उपजे हालातों और लॉकडाउन को लेकर पूरे देश के परिदृश्य को चार्ट पेपर पर रंगों के माध्यम से उकेर दिया है।
समय के सदुपयोग के लिए उन्होंने अपने बचपन के सबसे प्रिय विषय आर्ट के माध्यम से चार्ट पेपर पर कोरोना, लाक डाउन, सोशल डिस्टेंसिंग और उसके बाद सर्वे भवन्ति सुखिना के परिदृश्य को रंगों के माध्यम से उकेर कर पूरे समाज को रंगो के माध्यम से तो संदेश दिया ही है,साथ ही कलाकृति के जरिये यह भी दर्शाया है कि घरों में रह रहे लोग कुछ ऐसा करें जो दूसरों के लिये प्रेरणा का श्रोत बन सके।


