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लॉकडाउन में छलका कलाकारों का दर्द

इन कलाकारों में फ़िल्म अभिनेता से लेकर रंगकर्मी नृत्यांगना लेखक और चित्रकार भी हैं जो कोरोना से लड़ने की प्रेरणा दे रहे हैं और सैकड़ो किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाने वाले गरीबों का दर्द उनकी कला में छलक

लॉकडाउन में छलका कलाकारों का दर्द
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नयी दिल्ली। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन से जनजीवन भले ही ठप हो गया हो लेकिन सोशल मीडिया पर देश के जाने माने कलाकार अपनी कला के जरिये इस संकट को व्यक्त कर रहे हैं और उनके वीडियो वायरल हो रहे है जिसे लाखों लोग देख और सुन रहे हैं।

इन कलाकारों में फ़िल्म अभिनेता से लेकर रंगकर्मी नृत्यांगना लेखक और चित्रकार भी हैं जो कोरोना से लड़ने की प्रेरणा दे रहे हैं और सैकड़ो किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाने वाले गरीबों का दर्द उनकी कला में छलक रहा है । वे तरह तरह के वीडियो बनाकर सरकार के प्रति अपने आक्रोश को भी व्यक्त कर रहे हैं। कोई कलाकार नृत्य के जरिये तो कोई नाटक के जरिये तो कोई चित्र तो कोई कविता के माध्यम से इस दुख दर्द को बयां कर रहा है।

लॉक डाउन के तीन चरण पूरे हो गए और सोमवार से चौथा चरण शुरू हो रहा है। इन तीन चरणों में मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन , मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ,अभिनेता राजगोपाल यादव, आयुष्मान खुराना , कार्तिकेयन , राजेन्द्र गुप्ता , कीर्ति सेनन ,भजन सम्राट अनूप जलोटा , ग़ज़ल गायक चंदन दास , गायिका जसपिंदर नरूला, निजामी ब्रदर्स ,लोकगायिका शारदा सिन्हा से लेकर प्रख्यात लेखक एवं संस्कृति कर्मी अशोक वाजपयी ,नरेश सक्सेना , साहित्य अकेडमी पुरस्कार प्राप्त कवि राजेश जोशी ,मंगलेश डबराल के अलावा पदम् श्री से सम्मानित सुप्रसिद्ध नृत्यांगना ,शोभना नारायण ,चर्चित नर्तकी स्वप्नसुंदरी , जाने माने रंगकर्मी राम गोपाल बजाज , रंजीत कपूर आदि ने अपनी आवाज़ में अपने वीडियो पेश किए ।

इन कलाकारों लेखकों के अलावा साहित्य अकादमी ,आल इंडिया रेडियो के अलावा राजकमल प्रकाशन ,राजपाल एंड संस , वाणी प्रकाशन जैसे नामी गिरामी प्रकाशक और ‘पाखी’ , ‘सबलोग’ , ‘समकालीन जनमत’ जैसी पत्रिकाएं तथा ‘हिंदी कविता’ , ‘जश्ने अदब’, ‘मेरा रंग’, ‘अटूट बंधन’ जैसे अनेक मंच भी फेसबुक के जरिये रोज लाइव कार्यक्रम कर रहे । समालोचन नामक वेब पत्रिका ने कोरोनो संकट पर अब तक करीब 25 लेख पोस्ट किये है।

हिंदी के प्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी, मंगलेश डबराल, राजेश जोशी, विष्णु नागर, लीलाधर मंडलोई, संजय कुंदन जैसे कई कवियों ने कोरोना संकट और लोकडाउन पर मार्मिक कविताएं भी लिखी हैं। उनके वीडियो वायरल हो रहे है। कई लोग खुद भी वीडियो बनाकर कविता पाठ कर रहे है तो कई साहित्य और संस्कृति के विषयों पर चर्चा कर रहे तथा वेबिनार कर रहे है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय वेबिनार किया तो दिल्ली विश्वविद्यालय ने रेणुजी के साहित्य पर वेबिनार भी किया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के वर्तमान निदेशक सुरेश शर्मा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित रंगकर्मी बंशी कौल ,अबिनाश पिल्लई, हेमा सिंह, मुश्ताक काक ,आदि ने वेबिनार किये। प्रसिद्ध रंगकर्मी अरविन्द गौड़ ने ऑनलाइन थिएटर फेस्टिवल शुरू किया है और वह इतना लोकप्रिय हुआ कि अमेरिका के शिकागो शहर में रहने वाली अलका शर्मा ने वहां से ‘मंडी हाउस थिएटर फेस्टिवल’ शुरू किया है। इसके अलावा ‘लॉक डाउन थिएटर’ नाम से भी कार्यक्रम हो रहे है।

इन लेखकों कलाकारों का कहना है कि विश्व प्रसिद्ध लेखक विलियम शेक्स पियर से लेकर अल्बेयर कामू ,गैब्रियल गार्सिया मार्खेज और सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, हरिवंश राय बच्चन जैसे कई साहित्यकारों ने अपने समय की आपदाओं को अपनी रचनाओं का हिस्सा बनाया है।इसलिए उनका भी कर्तव्य बनता है कि वे भी इस दौर को लिखे। उनका कहना है कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण हज़ारों मजदूर अपने घर जाने के लिए सड़कों पर भूखे प्यासे निकल पड़े हैं और उनकी कोई सुध लेने वाला नही है।

लॉकडाउन में राजकमल फेसबुक लाइव के कुल 182 सेशन अब तक हो चुके हैं जिनमें कुल 138 वक्ता भागीदारी कर चुके हैं। उसका दावा है कि इन सभी सत्रों के वीडियो को नौ लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है। इसी तरह ‘हिंदी कविता’ एक महीने से लगातार कविता पाठ कर रहा और उसने दस लाख हिट्स का दावा किया है। व्हाट्सऐप द्वारा साझा की जा रही पुस्तिका ‘पाठ– पुन:पाठ’ पाठकों के बीच ख़ासी लोकप्रिय हो रही है जिससे किताबों की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। व्हाट्सऐप बुक ने पच्चीस हजार से ज्यादा पाठक बना लिए हैं।“ साहित्य अकेडमी 70 ऑनलाइन कार्यक्रम कर रहा है और उसने अभी छह सात कार्यक्रम किये और सवा तीन लाख लोगों ने देखा है ।

इसके अलावा कई व्हाट्सऐप ग्रुप में कविताओं के वीडियो वायरल हो रहे है। सर्वश्री दिलीप गुप्ता मनीष गुप्ता अजय रोहिल्ला ,भास्कर चौधरी ,ज्योति देशमुख ,उमा झुनझुनवाला ,ममता पण्डेय रश्मि भारद्वाज ,इला जोशी, प्रज्ञा तिवारी जैसे अनेक लोग लॉक डाउन में कविता कहानी के वीडियो बना रहे हैं और खूब सराहे जा रहे हैं। ग्वालियर की रंगकर्मी गीतांजलि गीत एक माह से देश के नामी गिरामी रंगकर्मियों का लाइव कार्यक्रम कर रही है। कई लोग फेसबुक पर चित्र बनाकर खुद को अभिव्यक्त कर रहे है । कई लोग फिल्मी गाने गाते हुए वीडियो पोस्ट कर रहे है तो कई लोग अपने घर मे डांस करने का वीडियो डाल रहे हैं। इस तरह लॉकडाउन में लोगों की रचनात्मकता फूट पड़ी है।


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