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गाजीपुर बॉर्डर पर कलाकारों ने 'रागनी' गाकर दिया किसानों को समर्थन

कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे प्रदर्शन को तीन महीने हो चुके हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर आज कुछ नोएडा के कलाकार पहुंचे

गाजीपुर बॉर्डर पर कलाकारों ने रागनी गाकर दिया किसानों को समर्थन
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गाजीपुर बॉर्डर। कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे प्रदर्शन को तीन महीने हो चुके हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर आज कुछ नोएडा के कलाकार पहुंचे, जिन्होंने अपना समर्थन किसानों को दिया, उन्होंने बॉर्डर के मंच से रागनी प्रस्तुत भी की। वैसे तो बॉर्डर पर हर कोई अपने-अपने तरह से इस आंदोलन को समर्थन दे रहा है, और ये पहली बार नहीं जब बॉर्डर पर कलाकार पहुंचे हो। इससे पहले भी कई कलाकारों ने आकर किसानों को अपना समर्थन दिया है।

आंदोलन स्थल पर किसानों के समर्थन में 'रागिनी' प्रस्तुति करने वाले अमित चांदपुर ने बताया, "हम किसानों के आंदोलन में पहुंचे हुए हैं, किसानों के आंदोलन देखते हुए हमें आज मौका मिला, हम बॉर्डर पर अपनी प्रस्तुति देकर वापस आ जाते हैं। ग्रेटर नोएडा से आज 5 से 7 कलाकार आए हुए हैं और इस मंडली का नाम उधम नागर मंडली है।"

आज बॉर्डर पर इस मंडली की प्रस्तुति को देखने के लिए काफी भीड़ लगी रही। रागिनी किसी कहानी या वीरगाथा की गीतमय प्रस्तुति होती है, जिसे गांव की भाषा में गया जाता है।

यहां किसान तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


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