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कलाकारों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जोश फूंकने के लिए अभियान खड़ा किया : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों और भाषाओं की सीमाओं से ऊपर उठकर आज संगीत 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के आदर्श को भी पहले से ज्यादा सशक्त कर रहा है

कलाकारों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जोश फूंकने के लिए अभियान खड़ा किया : मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं संस्कृति को बढ़ावा देने वाली संस्था स्पिक मैके के कार्यक्रम में कहा कि हमारे गायकों, गीतकारों, कलाकारों ने देश का मनोबल बढ़ाने के लिए, देश को जागरूक करने के लिए, इस लड़ाई में जोश फूंकने के लिए एक रचनात्मक अभियान खड़ा कर दिया है। बीते दिनों ऐसे कितने ही संगीतमय प्रयोग हमने देखे और सुने हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पूरी दुनिया में कोरोना बीमारी के कारण जो तनाव है, लोगों में जो डर और दुविधा है, उसे संगीत और कला के माध्यम से कैसे दूर किया जाए, यही आपने इस साल के कार्यक्रम की थीम भी रखी है। मुझे करीब तीन साल पहले भी स्पिक मैके के इंटरनेशनल कन्वेंशन को संबोधित करने का अवसर मिला था। तब मैंने आपसे वीडियो लिंक के माध्यम से बात की थी। आज भी ऐसा संयोग है कि आप सभी मुझसे वीडियो माध्यम से ही जुड़े हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों और भाषाओं की सीमाओं से ऊपर उठकर आज संगीत 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के आदर्श को भी पहले से ज्यादा सशक्त कर रहा है। आप देखिए, आज बंगाल में बैठा व्यक्ति इंटरनेट पर पंजाबी गाने सीख रहा है, पंजाब का युवा दक्षिण भारतीय संगीत सीख रहा है। लोग जो सीख रहे हैं उससे 130 करोड़ देशवासियों को जोड़ भी रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर अपनी क्रिएटिविटी के माध्यम से नए नए संदेश भी पहुंचा रहे हैं, कोरोना के खिलाफ देश के अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "130 करोड़ भारतवासियों ने ताली-थाली बजाकर, शंख-घंटी बजाकर पूरे देश को एक ऊर्जा से भर दिया था। ऐसे में जब 130 करोड़ लोग एक भावना से साथ आते हैं, एक संग जुड़ते हैं, तो ये संग ही संगीत बन जाता है। जिस तरह संगीत में एक सामंजस्य की जरूरत होती है, एक अनुशासन की जरूरत होती है, उसी तरह के सामंजस्य, संयम और अनुशासन से ही देश का प्रत्येक नागरिक आज इस महामारी से लड़ रहा है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी आपदा पड़ी हो, विपदा-विपत्ति रही हो, हर स्थिति में उत्सवों ने मानव सभ्यता को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद की है। हमारे देश में तो हर मौसम के लिए, हर ऋतु के लिए अलग-अलग उत्सव, अलग अलग गीत, संगीत और लोकगीत रहे हैं।

उन्होंने कहा कि संगीत या योग के माध्यम से जब हम अपनी आत्मशक्ति तक पहुंचते हैं तो ये नाद ब्रह्मनाद हो जाता है। यही कारण है कि संगीत और योग दोनों में ही मेडिटेशन और मोटिवेशन की शक्ति होती है, दोनों ही ऊर्जा के अपार स्रोत होते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हमारा हर एक देशवासी अपने-अपने तरीके से, अपनी-अपनी क्षमता के मुताबिक सेवा के अभियान में लगा है। जिससे जो बन पड़ रहा है वो गरीबों की मदद के लिए, देश के लिए कर रहा है। संगीत और कला के माध्यम से आप भी सेवा की इस भावना को ही आगे बढ़ा रहे हैं।


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