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सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों के लिए की जाएगी कृत्रिम वर्षा : धर्मपाल

उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री धर्मपाल सिंह का दावा है कि अब सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृत्रिम बारिश से किसानों को राहत दी जाएगी

सूखा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों के लिए की जाएगी कृत्रिम वर्षा : धर्मपाल
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इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री धर्मपाल सिंह का दावा है कि अब सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृत्रिम बारिश से किसानों को राहत दी जाएगी।

सिंचाई मंत्री सिंह ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि उत्तर प्रदेश में भी अब सूखा प्रभावित क्षेत्रों में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी। इस बड़ी समस्या का समाधान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने किया है। साढ़े पांच करोड रुपये में एक हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कृत्रिम बारिश कराई जा सकेगी।

श्री सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर (विंध्याचल) और बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिले सूखे से प्रभावित रहते है। इसकी शुरूआत बुन्देलखण्ड से की जायेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस तकनीक को चीन से खरीदने का प्रयास किया था। चीन ने शुरूआत में एक हजार किलोमीटर कृत्रिम वर्षा कराने की तकनीक को करीब साढ़े दस करोड़ रुपये में देने की हामी भरी थी, लेकिन बाद में इंकार कर दिया।' इस बड़ी समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने इसकी आधी लागत साढ़े पांच करोड़ में इजाद कर दिखाया।

श्री सिंह ने कहा कि देश के कई राज्यों के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार सूखा प्रभावित इलाकों में कृत्रिम वर्षा कराएगी। कृत्रिम बारिश के बाद किसानों को मानसून का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा। कृत्रिम बारिश का पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। इसके लिए सरकार के समक्ष आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ कृत्रिम बारिश (क्लाउड-सीडिंग) तकनीक का प्रेजेंटेशन पहले ही दे चुके हैं। कृत्रिम वर्षा के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी।

मंत्री ने कहा कि देश की संपदा सोना, चांदी, रूपया और पैसा नहीं है। इसकी संपदा धरती और इसपर बहने वाली नदियां हैं। उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था कृषि पर आधारित है। कृषि प्रभावित होती है तो देश की अर्थ व्यवस्था प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कोई देश तभी तरक्की करता है जब उसकी आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। सिंचाई के संसाधन दुरूस्त होते हैं।


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