ललित सुरजन की कलम से - 'मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के'
एक समय रायपुर में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। बंजारी बाबा के नाम से प्रसिद्ध औघड फ़कीर के निधन के बाद उन्हें कहां दफनाया जाए उसे लेकर तनाव का वातावरण बन गया

एक समय रायपुर में एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। बंजारी बाबा के नाम से प्रसिद्ध औघड फ़कीर के निधन के बाद उन्हें कहां दफनाया जाए उसे लेकर तनाव का वातावरण बन गया।
जिले के स्वच्छ छवि वाले तेजतर्रार युवा कलेक्टर नजीब जंग पर धार्मिक पूर्वाग्रह से प्रेरित आरोप लगाए जाने लगे। उस कठिन समय में बाबूजी ने अपनी कलम उठाई और ''सबको सन्मति दे भगवान'' के नाम से दस दैनिक लेखों की एक श्रृंखला लिख डाली।
इसका रायपुर के सार्वजनिक वातावरण पर अपेक्षित प्रभाव पड़ा तथा सौहार्द्र भाव टूटने से बच गया। उपरोक्त तीनों प्रसंग स्थानीय हैं लेकिन विषय अलग-अलग हैं। इनके अवलोकन से बाबूजी की विश्लेषण क्षमता और संपादकीय विवेक का अनुमान लगाया जा सकता है।
दूसरी तरफ व्यापक मुद्दों पर भी वे लगातार लिखते रहे। अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव हो या कोरिया प्रायद्वीप में विमान गिराने की घटना या फिर संघ परिवार की एकात्मता यात्रा- बाबूजी की पैनी दृष्टि से कुछ भी बचता नहीं था।
https://lalitsurjan.blogspot.com/2012/04/17.html


