ललित सुरजन की कलम से - मोदीजी और उनके मंत्री
'अभी कुल मिलाकर यह दिखता है कि राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, मेनका गांधी व अरुण जेटली जैसे वरिष्ठ व अनुभवी मंत्री पार्टी की नीतियों के मुताबिक अपना-अपना काम ठीक से सम्हाल रहे हैं

'अभी कुल मिलाकर यह दिखता है कि राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, मेनका गांधी व अरुण जेटली जैसे वरिष्ठ व अनुभवी मंत्री पार्टी की नीतियों के मुताबिक अपना-अपना काम ठीक से सम्हाल रहे हैं। मैंने उपरोक्त नाम वरिष्ठता क्रम में लिए हैं, महत्व के क्रम में नहीं।
इसी तरह वैंकया नायडू व नितिन गडक़री आदि पार्टी वरिष्ठों को जो विभाग सौंपे गए हैं, उनके बारे में भी सामान्यत: धारणा अनुकूल बनी हुई है। इसमें एक और अनुभवी मंत्री रामविलास पासवान का नाम भी जोड़ा जा सकता है जो घटक दल से हैं।
ध्यान रखें कि इनमें से किसी के भी विभाग की विस्तृत चर्चा करना यहां मेरा अभीष्ट नहीं है। ये सब भारतीय राजनीति के जाने-पहिचाने चेहरे हैं और कहना होगा कि इन्हें स्वयं को चर्चा में बनाए रखने की कला भी आती है।
इनमें से एक मेनका गांधी को छोडक़र बाकी सब की सक्रिय उपस्थिति रंगमंच पर बनी हुई है। इन्हें आप यदा-कदा पार्टी/सरकार के प्रवक्ता के रूप में भी देख सकते हैं। इस प्रकार कोई एक दर्जन मंत्रियों को छोडक़र मोदी सरकार में और कौन-कौन मंत्री हैं, किसके पास क्या विभाग हैं और वे क्या कर रहे हैं, इस बारे में जनता लगभग अनभिज्ञ है।
प्रतीत होता है जैसे फिल्मों में एक्स्ट्रा होते हैं, कुछ वैसी ही भूमिका अधिकतर मंत्रियों को निर्माता निर्देशक द्वारा सौंप दी गई है।'
(देशबन्धु में 4 जून 2015 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2015/06/blog-post.html


