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ललित सुरजन की कलम से - लाहौर : गुलाबी पगड़ी, शाकाहारी दावत
'आज वैश्विक राजनीति में आर्थिक मुद्दे पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी हो गए हैं, वित्तीय पूंजी का दखल बढ़ गया है

'आज वैश्विक राजनीति में आर्थिक मुद्दे पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी हो गए हैं, वित्तीय पूंजी का दखल बढ़ गया है, कार्पोरेट घराने राजनीति के माध्यम से अपना वर्चस्व बढ़ाने में लगे हैं।
इन घरानों ने श्री मोदी से बहुत आशाएं बांध रखी हैं। वे अगर पाकिस्तान में नवाज शरीफ के साथ-साथ वहां के सैन्यतंत्र के साथ पटरी बैठा सके तो भारत-पाक मैत्री के रास्ते की बाधाएं दूर हो सकती हैं।
इस दिशा में एक बड़ी अड़चन भारत में संघ के मनोगत को लेकर है। राम माधव का बयान इस ओर इशारा करता है। हम प्रतीक्षा करेंगे कि नए वर्ष में यह भेंट क्या रंग लाती है।'
(देशबन्धु में 31 दिसंबर 2015 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2015/12/blog-post_30.html
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