ललित सुरजन की कलम से - राज्यपाल पद का महत्व?
हमारी समझ में तो यही आता है कि संविधान की औपचारिक व्यवस्था जो भी हो, जिस तरह से देश का कामकाज संभालने की जिम्मेदारी मुख्यत: प्रधानमंत्री की होती है वैसे ही प्रदेश में मुख्यमंत्री की

हमारी समझ में तो यही आता है कि संविधान की औपचारिक व्यवस्था जो भी हो, जिस तरह से देश का कामकाज संभालने की जिम्मेदारी मुख्यत: प्रधानमंत्री की होती है वैसे ही प्रदेश में मुख्यमंत्री की। केन्द्र में राष्ट्रपति के पास गो कि ऐसे अधिकार हैं जो राजकाज संतुलन स्थापित करने के लिए आवश्यक हैं।
इसके अलावा राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही सही, जनता के द्वारा चुना जाता है। इसके बरक्स राज्यपाल एक मनोनीत पदधारी होता है तथा इस पद पर नियुक्ति में अक्सर राजनीतिक अनुग्रह का भाव छुपा होता है।
इसके चलते पिछले तीस-चालीस साल में हमने देखा है कि राज्यपाल किस तरह से केन्द्र सरकार के संकेतों पर काम करने में कोई संकोच नहीं बरतते, फिर भले ही उनका ऐसा करना संविधान सम्मत न हो।
(देशबन्धु में 10 जुलाई 2014 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2014/07/blog-post_9.html


