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ललित सुरजन की कलम से - बिलासपुर के रास्ते पर विरासत

'रायपुर से मात्र अठारह किलोमीटर की दूरी पर चरौदा का शिव मंदिर है। शिवरात्रि के समय रायपुर से भारी संख्या में श्रद्धालु वहां एकत्र होते हैं

ललित सुरजन की कलम से - बिलासपुर के रास्ते पर विरासत
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'रायपुर से मात्र अठारह किलोमीटर की दूरी पर चरौदा का शिव मंदिर है। शिवरात्रि के समय रायपुर से भारी संख्या में श्रद्धालु वहां एकत्र होते हैं। इस मंदिर का इतिहास पुराना होकर भी नया है। यहां दसवीं-ग्यारहवीं सदी का शिव मंदिर था, जो पूरी तरह भंग हो चुका था और समय के साथ मिट्टी के टीले के नीचे दब गया था।

1960-62 के आसपास बाबू खान यहां के सरपंच बने। उनका ध्यान टीले की ओर गया, खुदाई हुई, भग्नावशेष मिले। वहां से जरा सा हटकर एक नया शिव मंदिर बाबू खान के संकल्प से बना।

ग्रामवासियों ने उसमें आर्थिक सहयोग के साथ-साथ श्रमदान भी किया। यह एक सुंदर शांतिदायक स्थान है, लेकिन शायद निर्माण संबंधी किसी चूक के कारण मंदिर जर्जर हो रहा है। इसे नए सिरे से बनाने के लिए गांव के वर्तमान सरपंच, अन्य ग्रामवासी और स्वर्गीय बाबू खान के बेटे उत्साह से जुटे हैं।

विधायक द्वय देवजी पटेल और बृजमोहन अग्रवाल ने इसमें अपनी ओर से सहयोग की पहल की है।'

(देशबंधु में 24 मई 2018 को प्रकाशित )

https://lalitsurjan.blogspot.com/2018/05/blog-post_27.html


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