Top
Begin typing your search above and press return to search.

ललित सुरजन की कलम से - 21 वीं सदी में जनतंत्र!

हैदराबाद के तकनीकीविद् एम. विजय कुमार ने तर्क रखा कि विकेंद्रीकरण और जनतंत्रीकरण दो अलग-अलग बातें हैं

ललित सुरजन की कलम से - 21 वीं सदी में जनतंत्र!
X

हैदराबाद के तकनीकीविद् एम. विजय कुमार ने तर्क रखा कि विकेंद्रीकरण और जनतंत्रीकरण दो अलग-अलग बातें हैं। विकेंद्रीकरण एक सीमित प्रक्रिया है जबकि जनतंत्रीकरण का दायरा व्यापक है।

उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की कि आज की प्रौद्योगिकी कहीं अधिनायकवादी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने का काम तो नहीं कर रही? गोवा के डॉ. ईश्वर सिंह दोस्त का भी प्रश्न था कि- विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से होने वाला लाभ अंतत: कौन उठा रहा है।

दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. सोमा एस. मार्ला ने नवउदार पूंजीवाद की चर्चा करते हुए कुछ मौजूं प्रश्न सामने रखे जैसे कि टेक्नालॉजी के विकास से श्रमिकों को क्या लाभ मिला है? क्या इससे अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ी है? क्या इससे श्रमिक समुदाय का जीवनस्तर बेहतर हुआ है?

उन्होंने यह भी बताया कि आज दुनिया के दो तिहाई से यादा वैज्ञानिक बहुराष्ट्रीय निगमों के लिए काम कर रहे हैं।

(देशबन्धु में 06 फरवरी 2014 को प्रकाशित)

https://lalitsurjan.blogspot.com/2014/02/21.html


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it