ललित सुरजन की कलम से : विधानसभा चुनाव : कुछ देखी, कुछ सुनी
ईवीएम को लेकर चुनाव के पहले आशंकाएं व्यक्त की गई थीं और अभी भी जारी हैं

ईवीएम को लेकर चुनाव के पहले आशंकाएं व्यक्त की गई थीं और अभी भी जारी हैं। मुझे प्रदेश अध्यक्ष और अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कथन याद आता है। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता ईवीएम से लिपट कर सोएंगे।
यह उनकी चुनावी तैयारी का द्योतक था, लेकिन कथन था मजेदार। कुछ शंकालु लोगों का सोचना है कि विधानसभा चुनावों में ईवीएम के साथ जानबूझ कर छेड़छाड़ नहीं की गई ताकि कांग्रेसी गाफिल हो जाएं और भाजपा इनकी इस गफलत का लाभ लोकसभा चुनाव में उठा सके।
हमारा सोचना है कि ईवीएम में गड़बड़ी की जो भी खबरें इस बीच सामने आईं वे बुनियादी तौर पर मानवीय चूक का परिणाम थीं या फिर कांग्रेस को दहशत में डालकर मजा लेने का दुष्ट प्रयास। जो भी हो, कांग्रेस बल्कि महागठबंधन को श्री बघेल की उक्ति कि- नौबत पड़ने पर ईवीएम के साथ लिपट कर सोएंगे को याद रखना चाहिए।
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देशबन्धु में 27 दिसम्बर 2018 को प्रकाशित


