Top
Begin typing your search above and press return to search.

अनुच्छेद 370 रद्द होना राजनीतिक नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा: वेंकैया

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करना राजनीतिक नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा

अनुच्छेद 370 रद्द होना राजनीतिक नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा: वेंकैया
X

विजयवाड़ा। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करना राजनीतिक नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा है।

नायडू ने मित्रों और शुभचिंतकों की ओर से यहां आयोजित ‘मीट एंड ग्रीट’ कार्यक्रम में कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने की लंबे समय से मांग हो रही थी और यह देश की एकता और अखंडता से संबंधित है।

उप राष्ट्रपति ने बताया कि अनुच्छेद 370 संविधान की एक अस्थायी व्यवस्था थी और इसे हटाये जाने से जम्मू-कश्मीर का औद्योगिकीकरण होगा, रोजगार के अवसरों का सृजन होगा तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

उपराष्ट्रपति ने 1964 में लोकसभा सदस्य प्रकाश वीर शास्त्री द्वारा लाये गये प्रस्ताव के बारे में कहा कि यह विधेयक सदस्य की निजी हैसियत से लाया गया था, लेकिन इसे कांग्रेस के श्री भागवत झा आजाद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के श्री सरजू पांडेय, श्री एच. वी. कामथ तथा जम्मू-कश्मीर के सदस्यों ने समर्थन दिया था।

श्री नायडू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1963 में एक बहस के दौरान संसद में कहा था कि संविधान का यह प्रावधान अस्थायी है।

उपराष्ट्रपति ने सभी राजनीतिक पार्टियों से आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें अपने जनप्रतिनिधियों के लिए आचार संहिता विकसित करनी चाहिए। राजनीतिक दलों को एक-दूसरे के प्रतिनिधियों को शत्रु नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धी समझना चाहिए।

श्री नायडू ने बताया कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों, चुनाव संबंधी याचिकाओं तथा दल-बदल संबंधी विवादों के शीघ्र निपटारे के लिए विशेष न्यायाधिकरण बनाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि दल-बदल को रोकने के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची को प्रभावी बनाया जाना चाहिए। तीन महीने के अंदर दल-बदल संबंधी मामलों को निपटाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों में अपीलीय न्यायाधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय की शाखाओं का निर्माण किया जाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो अक्टूबर तक एक बार प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि लोगों की सक्रिय भागीदारी के साथ स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ तथा प्रति बूंद-अधिक फसल जैसे कार्यक्रमों को जनांदोलन बनाया जाना चाहिए।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it