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कला, संस्कृति और इतिहास देश को कर सकते है एकजुट : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केवल कला, संस्कृति और इतिहास ही देश को एकजुट कर सकते है

कला, संस्कृति और इतिहास देश को कर सकते है एकजुट : अमित शाह
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श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि केवल कला, संस्कृति और इतिहास ही देश को एकजुट कर सकते है।

श्री शाह ने यहां डल झील के तट पर 'वितस्ता महोत्सव' के हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था और इसका नाम झेलम नदी के प्राचीन वैदिक नाम पर रखा गया था।

उन्होंने कहा कि झेलम मानव सभ्यता के उच्चतम स्तर की गवाह है और वितस्ता पूरी दुनिया को असली कश्मीर दिखाने का त्योहार है। उन्होंने कहा कि यह वही वितस्ता है जो हजारों वर्षों से कश्मीर में अनेक शोधों की साक्षी रही है, इस झेलम ने कठिन समय भी देखा है। वितस्ता की धारा ने रक्त भी देखा है, धर्मान्ध लोगों के हमले देखे हैं, अनेक राज परिवर्तन देखे हैं और यही झेलम आतंकवाद की भीषण विभीषिका की साक्षी भी रही है।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित हुई है और विकास के नए आयाम बन रहे हैं, उच्च शिक्षा संस्थान बन रहे हैं, उद्योग स्थापित हो रहे हैं और पंचायती राज की स्थापना हुई है।

गृह मंत्री ने कहा, 'एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत श्री मोदी ने काशी तेलुगु संगमम, तमिल सौराष्ट्र संगमम, काशी तमिल और वितस्ता महोत्सव जैसे कई कार्यक्रमों के माध्यम से देश की सभी संस्कृतियों को एक-दूसरे के साथ आगे बढ़ने का दृष्टिकोण दिया है।'

उन्होंने कहा कि केवल कला, संस्कृति और इतिहास ही देश को एकजुट कर सकते है और वितस्ता महोत्सव भारत को एकजुट करने का एक अनूठा आयोजन है।

उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने कश्मीर का पिछले 30-40 साल का इतिहास देखा है, उन्हें यह एक विवादित और अशांत क्षेत्र लगता है, कई मुद्दे होते हुए भी अमर ज्योति की तरह आगे बढ़ना कश्मीर की प्रकृति है।' श्री शाह ने कहा कि कुछ साल पहले कश्मीर में आतंकवाद से 40,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे, वही कश्मीर आज वितस्ता महोत्सव के माध्यम से कला को आत्मसात करके आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि किसी के प्रति घृणा करना कश्मीर का इतिहास नहीं रहा है, कश्मीर ने हर आने वाले को स्वीकार किया है। एक खेलती, कूदती, बहती वितस्ता की तरह हमेशा कश्मीर की संस्कृति आगे बढ़ती गई और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वितस्ता महोत्सव में कश्मीर से करीब 1900 कलाकार और देशभर से करीब 150 कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन और आदान-प्रदान करेंगे।

इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, केंद्रीय गृह सचिव और संस्कृति मंत्रालय के सचिव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।


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