इंग्लैंड के बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी करना चाहते हैं अर्शदीप सिंह
भारत-इंग्लैंड के बीच 20 जून से पांच मुकाबलों की टेस्ट सीरीज खेली जानी है। भारत के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह आगामी सीरीज में अपने संभावित टेस्ट डेब्यू पर नजर गड़ाए हैं

नई दिल्ली। भारत-इंग्लैंड के बीच 20 जून से पांच मुकाबलों की टेस्ट सीरीज खेली जानी है। भारत के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह आगामी सीरीज में अपने संभावित टेस्ट डेब्यू पर नजर गड़ाए हैं।
अर्शदीप सिंह टेस्ट टीम में मौका मिलने पर घरेलू बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
'काउंटी चैंपियनशिप' में केंट की ओर से खेलने वाले अर्शदीप को इस टेस्ट सीरीज के दौरान मौका मिलने की संभावना है। इसकी वजह यह है कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह सभी पांच टेस्ट नहीं खेलेंगे। व्हाइट बॉल क्रिकेट में अपना दबदबा दिखा चुके 26 वर्षीय अर्शदीप अब लाल गेंद का अनुभव लेना चाहते हैं।
अर्शदीप सिंह ने बीसीसीआई टीवी से कहा, "आज के ट्रेनिंग सेशन के लिए, मेरी एकमात्र प्रेरणा लय को महसूस करना था। शरीर कैसा महसूस करता है, लाल गेंद हाथ से कैसे निकल रही है, क्योंकि सभी खिलाड़ी काफी समय से सफेद गेंद से खेल रहे हैं। इसलिए मैंने सच में इसका लुत्फ उठाया। जैसे-जैसे हम कदम-दर-कदम आगे बढ़ते रहेंगे, इंटेंसिटी बढ़ती रहेगी। हम बल्लेबाजों के लिए गेंद का सामना करना और भी मुश्किल बनाते रहेंगे। बल्लेबाजों को गेंदबाजी करना मजेदार था। वे काफी संतुलित दिख रहे थे और उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना थी। भले ही हम सिर्फ लय पर काम कर रहे थे, लेकिन वे पूरी तरह से प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। इसलिए यह और भी मजेदार हो गया।"
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने आगे कहा, "हमें ठीक से मेहनत करनी थी। एक ठोस योजना के साथ उन्हें आउट करने की कोशिश करनी थी। साई पहली बार टीम में शामिल हुए हैं और वे भी काफी कॉम्पैक्ट दिख रहे थे। कप्तान अच्छी लय में दिख रहे थे। मैं आगे भी सुधार करने और उन्हें ज्यादा बार आउट करने की पूरी कोशिश करूंगा।"
अर्शदीप का मानना है कि जसप्रीत बुमराह की मौजूदगी दूसरे तेज गेंदबाजों को सर्वश्रेष्ठ करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा, "मैं जब भी गेंद पकड़ता हूं, हमेशा लगता है कि मैं सर्वश्रेष्ठ हूं। लेकिन हर कोई जानता है- जब आप ऐसी टीम में होते हैं, जिसमें जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी शामिल हैं, तो 'तुलना' शब्द का वजूद ही नहीं होता। इसलिए, हमारा ध्यान इस बात पर है कि हम एक-दूसरे के खेल, एक-दूसरे के कौशल को कैसे बेहतर बना सकते हैं। हम टीम की कैसे मदद कर सकते हैं। मेरा ध्यान इसी पर है।"
भारत की नजरें शुभमन गिल की कप्तानी में लंबे इंतजार को खत्म करने पर हैं। इससे पहले टीम इंडिया ने राहुल द्रविड़ की कप्तानी में साल 2007 में आखिरी बार इंग्लैंड की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीती थी।