मामला 2005 उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
आरोप के अनुसार, कुशवाहा समेत पांच आरोपियों के पार्टी का चुनाव चिन्ह और पोस्टर दीवारों पर चिपकाये गये थे

पटना। बिहार की राजधानी पटना स्थित सांसदों एवं विधायकों के मुकदमे की सुनवाई के लिए नवगठित विशेष अदालत ने आचार संहिता उल्लंघन के एक पुराने मामले में आज केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की जमानत रद्द करते हुये गिरफ्तारी का वारंट जारी करने का आदेश दिया।
विशेष न्यायाधीश परशुराम सिंह यादव ने संपत्ति विरूपण अधिनियम के आरोपों के तहत दर्ज वर्ष 2005 के एक मामले में कुशवाहा की लगातार अनुपस्थिति के कारण उनको दी गई जमानत रद्द कर दी और बंध-पत्र (बॉन्ड पेपर) खंडित करते हुये उनकी उपस्थिति के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी करने का आदेश दिया। कुशवाहा इस मामले में पूर्व से जमानत पर थे लेकिन मामला विशेष अदालत में स्थानांतरित होने के बाद से वह उपस्थित नहीं हो रहे थे।
मामला वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव के दौरान का है।
समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाने में इस संबंध में 25 अक्टूबर 2005 को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में पुलिस ने 29 नवंबर 2005 को कुशवाहा समेत पांच नेताओं के खिलाफ अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया था।


