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'आरोग्य सेतु एप' से होगा कोरोना के जोखिम का मूल्यांकन

कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी, एआईसीटीई, एनसीटीई, एनआईओएस, एनसीईआरटी और केवीएस को इस कठिन समय में कैसे सुरक्षित रहें

आरोग्य सेतु एप से होगा कोरोना के जोखिम का मूल्यांकन
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नई दिल्ली। कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी, एआईसीटीई, एनसीटीई, एनआईओएस, एनसीईआरटी और केवीएस को इस कठिन समय में कैसे सुरक्षित रहें, इसका मंत्र देते हुए पत्र लिखा है। एचआरडी मंत्रालय के इन संगठनों को लिखे पत्र में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा, "कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत आरोग्य सेतु एप विकसित किया है। इस एप के माध्यम से लोग कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने के जोखिम का मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे। किसी व्यक्ति के अन्य लोगों के साथ संपर्क के आधार पर यह आकलन किया जाएगा और इसके लिए ब्लूटूथ तकनीक, एल्गोरिद्म और कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) का उपयोग किया जाएगा। यह एप छात्रों, शिक्षकों और उनके परिजनों के लिए सहायक होगा।"

इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि आयुष मंत्रालय ने स्व-देखभाल को ध्यान में रखते हुए रोग-प्रतिरक्षा को बढ़ाने के उपायों के लिए एक प्रोटोकॉल विकसित किया है जो छात्रों, संकाय सदस्यों, शिक्षकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।

पत्र में सुझाव देते हुए एमएचआरडी सचिव ने कहा, "3 अप्रैल को प्रधानमंत्री के अनुरोध के अनुसार छात्र 5 अप्रैल को 9 बजे रात्रि में 9 मिनट के लिए एक मोमबत्ती, दीया या मशाल जलाएं। इसका उद्देश्य प्रकाश की शक्ति का अनुभव करना और उस उद्देश्य को रेखांकित करना है, जिसके खिलाफ हम सब साथ मिलकर लड़ रहे हैं। हालांकि इस दौरान किसी को भी कॉलोनियों में, सड़क पर या अपने घरों से बाहर कहीं भी इकट्ठा नहीं होना चाहिए।

एमएचआरडी सचिव अमित खरे ने इसके साथ ही इग्नू, एनआईओएस, नवोदय विद्यालय समेत अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए चार विशेष अधिकारियों को तैनात किया है। यह अधिकारी इन संस्थानों और छात्रों से संपर्क बनाएंगे। साथ ही इन शिक्षण संस्थानों को व्हाट्सएप के जरिए आवश्यक सूचनाएं प्रदान की जाएंगी।


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