अराजनीतिक होने से बढ़ेगी सेना की प्रतिष्ठा : जनरल बाजवा
पाकिस्तान के निवर्तमान थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा का मानना है कि सेना के 'अराजनीतिक' रहने का फैसला उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद करेगा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के निवर्तमान थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा का मानना है कि सेना के 'अराजनीतिक' रहने का फैसला उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाने में मदद करेगा।
जियो न्यूज के एक विशेष साक्षात्कार में जनरल बाजवा के हवाले से कहा, राष्ट्रीय निर्णय लेने में पाकिस्तानी सेना हमेशा एक प्रमुख खिलाड़ी रही है। देश की राजनीति में अपनी ऐतिहासिक भूमिका के कारण सेना को जनता और राजनेताओं की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।
जनरल मंगलवार को जनरल असीम मुनीर को सेना की कमान सौंपेंगे, जिन्हें पिछले हफ्ते सरकार ने उनके उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया था।
जनरल ने कहा, हालांकि यह निर्णय समाज के एक वर्ग द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जा रहा है और व्यक्तिगत आलोचना का कारण बना है, लेकिन यह लोकतांत्रिक संस्कृति को फिर से मजबूत करने में मदद करेगा। राज्य के अंगों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शन करने में सहायता करेगा। इन सबसे ऊपर यह निर्णय सेना की प्रतिष्ठा को बढ़ाने में मदद करेगा दीर्घावधि।
निवर्तमान सेना प्रमुख ने कहा कि पूरे देश के इतिहास में सेना ने पाकिस्तानी राष्ट्र का बेजोड़ सम्मान और विश्वास हासिल किया है।
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास में सेना की सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका को हमेशा जनता का अटूट समर्थन मिला है। मेरा मानना है कि जब सेना को राजनीतिक मामलों में शामिल देखा जाता है तो सशस्त्र बलों के प्रति जनता का समर्थन और आत्मीयता कम हो जाती है। इसलिए राजनीति की अनिश्चितता से पाकिस्तानी सेना को बचाना बुद्धिमानी है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि बड़े पैमाने पर प्रचार के माध्यम से सशस्त्र बलों की कुछ आलोचना और अनुचित निंदा के बावजूद और झूठे आख्यानों को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया, संस्था अपनी गैर-राजनीतिक भूमिका के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।


