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अरुण मारवाह के बाद जबलपुर के कर्नल स्तर का सैन्य अधिकारी 'हनी ट्रैप' में फंसा

 'हनी ट्रैप' मामले में भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर में तैनात एक सैन्य अधिकारी भी गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में शक के दायरे में आ गया है

अरुण मारवाह के बाद जबलपुर के कर्नल स्तर का सैन्य अधिकारी हनी ट्रैप में फंसा
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जबलपुर। 'हनी ट्रैप' मामले में भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर में तैनात एक सैन्य अधिकारी भी गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में शक के दायरे में आ गया है।

मिल्रिटी इंटेलिजेंस (एमआई) ने उसके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, लैपटॉप और मोबाइल जब्त कर लिया है। कर्नल स्तर के इस अधिकारी से पूछताछ जारी है। आरोप की पुष्टि हो जाने पर ही इस सैन्य अधिकारी का नाम उजागर किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, "जबलपुर के 506 आर्मी बेस वर्कशॉप में पदस्थ इस अधिकारी पर शक है कि उसने गोपनीय दस्तावेजों का सौदा किया है।"

सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस अधिकारी से हुई पूछताछ में कुछ ऐसे सुराग हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर आगे जांच जरूरी हो गई है। इस अधिकारी के पास से जब्त इलेक्ट्रॉनिक सामग्री को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।






कुछ दिन पहले, वायुसेना के अधिकारी अरुण मारवाह को दस्तावेज लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्हें लड़कियों के जरिए जाल में फंसाया गया था। मारवाह से दस दिन तक पूछताछ चली और बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

मारवाह के बाद जबलपुर के कर्नल स्तर के एक और अधिकारी के भी हनी ट्रैप और दस्तावेज देश से बाहर भेजने के शक में हिरासत में लिए जाने के बाद एमआई पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। संबंधित अधिकारी से पूछताछ जारी है। आशंका तो यहां तक जताई गई है कि इस अधिकारी के बैंक खातों में कहीं से बड़ी रकम आई है।

इस मामले में सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। हां, अनौपचारिक तौर पर इतना जरूर कहा गया है कि एक अधिकारी की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई हैं। उसकी जांच चल रही है। पुष्टि हो जाने पर उसका नाम जाहिर किया जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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