साइबर ठगी को रोकने के लिए तैयार होगी युवाओं की फौज
साइबर ठगी को रोकने के लिए पूरे देश में युवाओं की फौज तैयार करने की पहल गृह मंत्रालय ने शुरू की है

रायपुर। साइबर ठगी को रोकने के लिए पूरे देश में युवाओं की फौज तैयार करने की पहल गृह मंत्रालय ने शुरू की है। इसके तहत हर महीने के पहले बुधवार को स्कूल.कालेजों में जागरूकता कैंप का आयोजन होगा। इसमें विद्यार्थियों को साइबर अपराधियों के तौर.तरीके के साथ उससे बचने के उपाय बताएं जाएंगे। इसकी शुरुआत इसी महीने के पहले बुधवार छह अक्टूबर से कर दी गई है। ज्वाइंट साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन की बैठक में शामिल होने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय पहुंचे गृह मंत्रालय के अफसरों ने यह जानकारी दी।
हर महीने के पहले बुधवार को स्कूल. कालेजों में लगेगा विशेष कैंप, साइबर अपराध के तरीके व उससे बचाव के बताए जाएंगे उपाय
अफसरों ने बताया कि विद्यार्थी इंटरनेट का सहज उपयोग करते हैं। ऐसे में वे साइबर क्राइम से बचाव के उपाय आसानी से समझा पाएंगे। साथ ही वे अपने घर में बड़ों का जागरूक कर पाएंगे। बैठक में छत्तीसगढ़ के साथ उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार,पश्चिम बंगाल व ओडिशा की पुलिस के साथ रिजर्व बैंक आफ इंडिया व अन्य बैकों के अधिकारी शािमल हुए। दूरसंचार सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी के अधिकारी भी बैठक में शामिल थे। राज्य पुलिस के अफसरों ने उनके यहां साइबर क्राइम के लिए की जा रही कोशिशों की जानकारी दी। गृह मंत्रालय के अफसरों ने बताया कि नेशनल साइबर क्राइम इको सिस्टम मैनेजमेंट तैयार किया है। इसके माध्यम से साइबर अपराध से सावधान रहने और उससे बचाव के लिए लोगों को लगातार टैक्स मैसेज भेजे जा रहे हैं।
पुलिस को प्रायोगिक प्रशिक्षण देगा गृह मंत्रालय
अफसरों ने बताया कि साइबर अपराध रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है। इसके तहत सभी राज्यों के 10.10 पुलिस अफसरों को दिल्ली बुलाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रक्रिया सतत चलती रहेगी।
एक काल से मिल सकती है आपकी रकम
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने टोल फ्री नंबर 155260 व नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल तैयार किया है। बैठक में शामिल मंत्रालय के अफसरों ने बताया कि यदि साइबर ठगी का शिकार व्यक्ति यदि समय रहते इस नंबर पर काल करता है या वेबसाइट के माध्यम से शिकायत दर्ज कराता है तो उसकी रकम जिस भी बैंक खाते में गई है उसे तुरंत सीज कर दिया जाता है। इस सिस्टम में सभी राज्यों की पुलिसए केंद्रीय एजेंसियां व सभी बैंक जुड़े हुए हैं।
चर्चा में रहा झारखंड का जामताड़ा
बैठक के दौरान झारखंड के जामताड़ा गैंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हुई। जामताड़ा साइबर ठगों के गढ़ के रूप में कुख्यात है। झारखंड से आए पुलिस अफसर ने जामताड़ा गैंग के कामकाज का पूरा तरीका बताया। उन्होंने बताया कि उनके एजेंट देश लगभग हर बड़े शहर में मौजूद हैं।
पुलिस की जांच को उलझाने के लिए गैंग अलग.अलग राज्यों के मोबाइल सिम और बैंक खातों का उपयोग करते हैं लेकिन एक सिम और खाते का उपयोग ज्यादा दिन तक नहीं करते।


