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'जैव-आतंकवाद से मुकाबले में सेना को सबसे आगे होना होगा'

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि सशस्त्र बल व इसकी चिकित्सा सेवाओं को जैव-आतंकवाद से लड़ने के लिए सबसे आगे होना होगा

जैव-आतंकवाद से मुकाबले में सेना को सबसे आगे होना होगा
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नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि सशस्त्र बल व इसकी चिकित्सा सेवाओं को जैव-आतंकवाद से लड़ने के लिए सबसे आगे होना होगा। राजनाथ सिंह एससीओ के पहले मिलिट्री मेडिसिन सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं जैव-आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए क्षमता निर्माण को रेखांकित करना चाहता हूं। जैव-आतंकवाद आज का वास्तविक खतरा है। यह संक्रामक प्लेग जैसे फैलता है और सशस्त्र बलों व इसकी मेडिकल सेवाओं को इस खतरे से मुकाबला करने में सबसे आगे रहना होगा।"

यह सम्मेलन पहला सैन्य सहयोग कार्यक्रम है, जिसे एससीओ के तहत भारत में आयोजित किया गया। भारत 2017 में एससीओ में शामिल हुआ। यह दो दिवसीय सम्मेलन एससीओ रक्षा सहयोग योजना 2019-20 के अनुसार आयोजित हो रही है।

उन्होंने कहा, "युद्ध के मैदान की बढ़ती तकनीक ने पूर्व की चुनौतियों के समक्ष एक विशाल व्यूह रचना पेश की है। युद्ध के नए और गैर-पारंपरिक स्वरूपों ने मौजूदा चुनौतियों की जटिलता को और बढ़ा दिया है।"

इस सम्मेलन के दौरान भारतीय सशस्त्र बल रैपिड एक्शन मेडिकल टीम का प्रदर्शन करेंगे व मिलिट्री मेडिसिन जानकारों के प्रतिनिधिमंडल के लिए एक टूर का आयोजन करेंगे।


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