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भोपाल में सेना का अलंकरण समारोह

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज दक्षिण कमान का अलंकरण समारोह आयोजित किया गया

भोपाल में सेना का अलंकरण समारोह
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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज दक्षिण कमान का अलंकरण समारोह आयोजित किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हैरिज़, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी कमान ने 63 अधिकारी, जूनियर कमीशन अधिकारी एवं अन्य जवानों को वीरता और विशिष्ट सेवा पुरस्कारों से सम्मानित किया।

ये पुरस्कार वीरता, अदम्य साहस और राष्ट्र के प्रति असाधारण कर्तव्यनिष्ठा प्रदर्शन करने के लिए दिए गए। पुरस्कारों में 6 युद्ध सेवा मेडल, 24 सेना मेडल (वीरता), 14 सेना मेडल (उत्कृष्ट), 18 विशिष्ट सेवा मेडल और 4 सेना मेडल शामिल थे। इनमें तीन अधिकारियों और चार अन्य को मरणोपरांत पदक प्रदान किया गया।

आर्मी कमांडर ने दक्षिणी कमान की 19 इकाइयों को भी प्रशंसनीय और उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। यह कार्यक्रम सुदर्शन चक्र कोर द्वारा आयोजित किया गया था।

अलंकरण समारोह मे शहीद सैनिकों के परिजन भी शामिल हुए। शहीद सिपाही रामा मूर्ति और हवलदार एलुमलाई एम ने सेना की सर्वोच्च परम्परा को निभाते हुए अपने प्राण देश की सेवा में न्योछावर कर दिये। इन्होंने असाध्य दुर्गम और उपशून्य तापमान में तैनात रहते हुए विशाल बर्फखण्ड के नीचे 35 फीट बर्फ में दबे होने के बावजूद भी खोजी दस्तों का सफल मार्गदर्शन किया।

उसी प्रकार ले. कर्नल रणजीत सिंह पवार और मेजर कृष्णन मनोज कुमार ने अपने प्राणों की बिल्कुल भी परवाह किये बिना आयुध भण्डार में फैलती और दहकती हुई आग को काबू करने के प्रयास मे अपने प्राणों की आहूति दे दी।

मेजर ताहीर हुसैन खान ने भी अपने प्राण देश की सेवा मे उस समय अर्पण कर दिये जब बिल्कुल विपरीत परीस्थितियों और खराब मौसम के बावजूद उन्होंने अपने हेलिकाप्टर से उडान भरी और फौजी टुकड़ियों को उनके निर्गत स्थानों पर पहुंचाया।

इनके अलावा, अलंकरण समारोह में वे सैन्य अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने अदम्य साहस, निर्णायक नेतृत्व, असाधारण कार्य कुशलता व व्यक्तिगत सुरक्षा की उपेक्षा करते हुए, आतंकवादियों को मार गिराया एवं बहुमूल्य जन एवं जनसम्पति की रक्षा की।

जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी कमान लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हैरिज़ ने समारोह को संबोधित करते हुए दक्षिण कमान के सभी अधिकारियों और सैनिकों को पुरस्कार विजेताओं का अनुकरण करने के लिए और भारतीय सेना को राष्ट्र के लिए सर्वोत्तम योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।


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