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अर्जुन कपूर ने कहा भंसाली के दृष्टिकोण पर विश्वास करना चाहिए

 अभिनेता अर्जुन कपूर ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली और उनकी फिल्म 'पद्मावती' का समर्थन करते हुए कहा कि लोगों को निर्माता के दृष्टिकोण पर विश्वास करना चाहिए

अर्जुन कपूर ने कहा भंसाली के दृष्टिकोण पर विश्वास करना चाहिए
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नई दिल्ली। अभिनेता अर्जुन कपूर ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली और उनकी फिल्म 'पद्मावती' का समर्थन करते हुए कहा कि लोगों को निर्माता के दृष्टिकोण पर विश्वास करना चाहिए।

'मुबारकां' के अभिनेता (32) ने गुरुवार को 'पद्मावती' को लेकर हो रहे विवादों पर भंसाली द्वारा स्पष्टीकरण देने वाले एक वीडियो के लिंक को ट्वीट करते हुए लिखा, "फिर से एक व्यक्ति को अपनी रचनात्मकता पर स्पष्टीकरण देना पड़ा, क्योंकि राजनीति और दुष्प्रचार ने एक खराब वातावरण बना दिया है। वह एक शानदार फिल्म निर्माता हैं। उनके ²ष्टिकोण पर भरोसा किया जाना चाहिए।"



उन्होंने लिखा, "मुझे यकीन है कि रानी पद्मावती और उनकी कहानी को रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर द्वारा सम्मानित तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा।"

इस ऐतिहासिक ड्रामा में दीपिका पादुकोण राजपूताना रानी पद्मावती, शाहिद कपूर उनके पति रावल रतन सिंह और रणवीर सिंह दिल्ली सल्तनती शासक अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभा रहे हैं।

एक वीडियो में भंसाली ने कहा कि रानी पद्मावती और खिलजी के बीच ऐसा कोई ²श्य नहीं है, जो किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाता हो।

रणवीर ने भी एक वीडियो लिंक साझा करते हुए लिखा, "खुद इस व्यक्ति के मुंह से सुनो। आशा है कि इससे चीजें साफ होंगी।" शाहिद ने भी इस लिंक को साझा किया करते हुए भंसाली को 'पद्मावती' में काम करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया।




यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज के लिए तैयार है, लेकिन राजपूतों के संगठन 'करणी सेना' ने बिना देखे फिल्म की शूटिंग के बीच तोड़फोड़ और निर्माता भंसाली के साथ दुर्व्यवहार किया। सेंसर बोर्ड से पास इस फिल्म को दिखाए जाने से रोकने के लिए कई भाजपा नेता भी आगे आए। एक भाजपा सांसद ने तो भंसाली के प्रति अभद्र टिप्पणी भी कर दी। उन्होंने कहा, 'भंसाली को जूतों की भाषा समझ में आती है।'

हाल ही में एक जीटीवी मध्य प्रदेश पर एक डिबेट में शामिल एक नेता ने 'पद्मावती' का पुरजोर विरोध किया, लेकिन जब उनसे रानी पद्मावती के पति का नाम पूछा गया, तो उन्होंने गलत नाम बताया। इससे जाहिर है कि सिर्फ विरोध के लिए विरोध किया जा रहा है। सच्चाई पता हो या न हो, भगवा पाठशालाओं में जो रटाया जाता है, उसी बिनाह पर कुछ लोग मौका देख आरएसएस के एजेंडे पर काम शुरू कर देते हैं।


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