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भाजपा की शीर्ष राष्ट्रपति पसंद के तौर पर उभर रहे आरिफ खान और मुर्मू?

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ दल और विपक्षी खेमे दोनों में विचार-विमर्श चल रहा है, ऐसे में लगता है कि भाजपा कुछ नामों तक सिमट कर रह गई है

भाजपा की शीर्ष राष्ट्रपति पसंद के तौर पर उभर रहे आरिफ खान और मुर्मू?
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ दल और विपक्षी खेमे दोनों में विचार-विमर्श चल रहा है, ऐसे में लगता है कि भाजपा कुछ नामों तक सिमट कर रह गई है। सूत्रों ने कहा है कि पार्टी घरेलू राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को ध्यान में रखते हुए विकल्पों पर विचार कर रही है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के नामों पर विचार कर रही है।

पार्टी का संसदीय बोर्ड एनडीए के भीतर विचार-विमर्श के बाद अगले सप्ताह उम्मीदवार के नाम पर अंतिम विचार करेगा।

सूत्र ने कहा कि आगामी चुनावों को देखते हुए, आदिवासी समुदाय गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा का मुख्य फोकस क्षेत्र हैं, जहां आदिवासी वोट भाजपा की योजनाओं की कुंजी हैं और अभी तक देश में कोई आदिवासी राष्ट्रपति भी नहीं रहा है। इस लिहाज से मुर्मू आदिवासी और महिला दोनों वर्ग में फिट हो सकती हैं और भाजपा कह सकती है कि इसने समुदाय को सशक्त बनाया है और इसका उसे स्पष्ट तौर पर चुनावी लाभ मिल सकता है।

वहीं दूसरी ओर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी हाल के घटनाक्रम के बाद (पूर्व भाजपा प्रवक्ताओं की टिप्पणियों के बाद) अंतरराष्ट्रीय मंच पर सरकार की छवि को बेहतर रखने के लिए फिट हो सकते हैं। इस मुद्दे पर दोहा स्थित दूतावास को एक बयान जारी करना पड़ा और भाजपा को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी।

मुखर चेहरा और इस्लामी दुनिया के जानकार खान पिछले कई सालों से अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर भाजपा का बचाव करते रहे हैं। एएमयू के एक पूर्व छात्र संघ नेता, खान राजीव गांधी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री रहे हैं, लेकिन उन्होंने चर्चित शाह बानो के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था। वे बाद में वी. पी. सिंह सरकार में भी मंत्री रहे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा प्रमुख जे. पी. नड्डा को भाजपा की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए आम सहमति के उम्मीदवार के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ-साथ एनडीए के सहयोगियों से बात करने के लिए अधिकृत किया गया है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार चुनाव से बचने के लिए विपक्ष के साथ आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से भी बात की है। रक्षा मंत्री ने गठबंधन सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात की है, जो जनता दल-यूनाइटेड के प्रमुख हैं। पता चला है कि भगवा पार्टी के वरिष्ठ नेता ने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं से भी इस मुद्दे पर बातचीत की है।

सूत्रों ने कहा कि भाजपा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है और विपक्षी नेताओं को कोई नाम नहीं सुझाया गया है। एक सूत्र ने कहा, "राजनाथ सिंह ने यह भी जानने की कोशिश की है कि विपक्षी नेता आखिर क्या सोच रहे हैं।"

इस मुद्दे पर बात करते हुए खड़गे ने कहा, "राजनाथ सिंह ने मुझे फोन किया और राष्ट्रपति चुनाव के बारे में बात की। लेकिन जब प्रस्ताव के बारे में पूछा गया, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। मैं कह रहा हूं कि अगर विपक्ष एक गैर-विवादास्पद नाम लेकर आता है तो क्या सरकार इसे स्वीकार करेगी? यह एक औपचारिकता भर है।"


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