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इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की खरीद के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्वाचन आयोग (ईसी) के कागज रसीद वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की खरीद के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्वाचन आयोग (ईसी) के कागज रसीद वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि निर्वाचन आयोग के आकलन के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के लिए कुल 16,15,000 वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) इकाइयों की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा कि इस पर करीब 3,173.47 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।जेटली ने कहा, "यदि हम अप्रैल में आदेश देते हैं तो पूरी आपूर्ति सितंबर 2018 में होगी। इसलिए इसके बाद के चुनावों में सभी मतदान कें द्रों पर वीवीपीएटी मशीनें उपलब्ध होंगी।"

उन्होंने कहा कि इन मशीनों की खरीद का खर्च दो वित्तीय वर्षो में आएगा।उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के लिए लगातार वीवीपीएटी मशीनों की मांग कर रहा था और मंत्रिमंडल ने इस मांग को आज (बुधवार) मंजूरी दे दी।"

जेटली ने कहा कि इस कदम से मतदान प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता आएगी।उन्होंने कहा, "मतदाताओं को जानने का हक है कि क्या उनका वोट सही दर्ज हो रहा है या नहीं।"

कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा लगाए गए ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों के मद्देनजर केंद्रीय मंत्रिमंडल का वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों के खरीदने का फैसला महत्वपूर्ण है।


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