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जिला पंचायत में किया जा रहा मनचाहे शिक्षकों का अनुमोदन व आपसी स्थानांतरण

जिला पंचायत में षिक्षक पंचायत संवर्ग के स्थानांतरण के मुददे पर फिर से अध्यक्ष व  जिला पंचायत के भाजपा समर्थित सदस्यों के बीच घमासान होने लगा है

जिला पंचायत में किया जा रहा मनचाहे शिक्षकों का अनुमोदन व आपसी स्थानांतरण
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बेमेतरा। जिला पंचायत में षिक्षक पंचायत संवर्ग के स्थानांतरण के मुददे पर फिर से अध्यक्ष व जिला पंचायत के भाजपा समर्थित सदस्यों के बीच घमासान होने लगा है। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू ने सामान्य प्रषासन समिति की विगत 22 मार्च की बैठक के दौरान कार्यवाही पंजी में आपत्ति करते कहा है कि एजेन्डा से बाहर के विषय पर चर्चा एवं मनचाहे शिक्षकों का अनुमोदन व आपसी स्थानांतरण करने के विरूद्ध अपना मत लिखें।

इससे पूर्व भी शिक्षक पंचायत संवर्ग की पात्र सूची में भेद-भाव का रवैया अपनाते हुये कुछ मनचाहे षिक्षकों के नाम पर ही भाजपा समर्थित 5 स्थाई समिति के सभापति द्वारा अनुमोदन कर शेष पात्र शिक्षकों को रोक दिया जाता है। इसके अतिरिक्त दोबारा बैठक होने पर उसी सूची में से चुनिन्दा षिक्षकों का अनुमोदन हो जाता है।

यहां उल्लेखनीय है कि सभी पात्र आपसी स्थानांनतरण को एक ही बार में, एक ही बैठक में करना चाहिये परन्तु जिला पंचायत के सीईओ भाजपा समर्थित 5 स्थाई समिति के सभापति के अनुसार कार्य करने को लेकर विधि विरूद्ध कार्य किये जाने का गंभीर आरोप भी लग रहा है।

जानकारीनुसार जिला पंचायत में शिक्षक पंचायत संवर्ग के आपसी स्थानांतरण की पात्र सूची में से अपनी मनपसन्द शिक्षकों के स्थानांनतरण का अनुमोदन कर निजी लाभ लिये जाने की जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू ने मौखिक रूप से षिकायत करते हुये जांच कर संबंधितो पर उचित कार्यवाही करने को कहा था किन्तु परिणाम आज भी यथावत है।

विगत 22 मार्च को जिला पंचायत के सामान्य प्रषासन समिति की बैठक में आपसी स्थानांनतरण हेतु षिक्षकों के 20 आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें से मात्र 5 शिक्षकों का स्थानांनतरण आवेदन अनुमोदित कर शेष 15 शिक्षकों के आवेदन यथावत छोड़ दिया गया है। इस तरह भेदभाव पूर्वक मनचाहे शिक्षकों के नाम पर ही मुहर लगाया जाना संदेहास्पद होता है।

विश्वस्थ सुत्रों से मिले खबर के अनुसार सीधी भर्ती व्याख्याता (पंचायत) के 5 अभ्यर्थियों के द्वारा निर्धारित समय पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है। इस मामले में भी जिला पंचायत के कुछ सदस्यों के द्वारा मनमानी करते हुये प्रतीक्षा सूची में से अभ्यर्थियों को अपने मनपसन्द के स्कूलों में भेजने की गोपनीय तैयारी की जा रही है।

जबकि नियमानुसार जिस विषय का अभ्यर्थी, जिस स्कूल में कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उसी विषय के प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थी को उसी स्कूल में पदभार ग्रहण कराना चाहिये या कॉउन्सलिंग की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिये लेकिन ऐसा न कर कतिपय सदस्यों के द्वारा अपने हिसाब से मनचाहे स्कूल में भेजने की पुरजोर कोषिष की जा रही है।


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