कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाएं : शिवराज
कोरोना वायरस की महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेिंसंग के साथ मास्क का उपयोग किए जाने पर जोर दिया जा रहा है

भोपाल। कोरोना वायरस की महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेिंसंग के साथ मास्क का उपयोग किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लोगों से मास्क के इस्तेमाल पर जोर दिया। साथ ही कहा कि अगर मास्क उपलब्ध नहीं है, तो कपड़े के तीन फोल्ड कर उसे मास्क में बदल लें। कोरोना का वायरस व्यक्ति के नाक, आंख और मुंह से प्रवेश करता है, इसलिए सबसे ज्यादा नाक और मुंह को ढकने की बात कही जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान कहना है, "हम सभी प्रदेशवासी प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन के रूप में खींची गई लक्ष्मण रेखा को पार नहीं कर रहे हैं। सभी घर तक सीमित हैं। प्रदेश में कोरोना से बचाव और इलाज की हर संभव व्यवस्था की गई है। राज्य में कोरोना टेस्टिंग की क्षमता वर्तमान में 500 है, जिसे बढ़ाकर अतिशीघ्र 1000 कर लिया जाएगा। कोरोना से बंचाव के लिए पहने जाने वाले पीपीई किट्स अब हम मध्यप्रदेश में बना रहे हैं। इसे भारत सरकार ने मान्यता दी है।"
उन्होंने आगे कहा, "मास्क, दवाओं आदि की कमी नहीं है। हमारे स्व-सहायता समूह मास्क बना रहे है। इसके बाद भी यदि किसी स्थिति में मास्क उपलब्ध नहीं हो पाता है, तो घर पर ही मास्क बना लें। सूती कपड़े को तीन फोल्ड करें तथा मास्क बना लें।"
उन्होंने दूरदर्शन पर अपने संदेश के दौरान गमछे से तीन फोल्ड मास्क बनाकर बताया।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने कॉटन मास्क को भी उपयोग बताया है। विभाग की ओर से जारी किए गए परामर्श में बताया गया है कि डिस्पोजेबल मास्क को सिर्फ एक बार ही उपयोग किया जा सकता है, जबकि घरेलू कॉटन मास्क को एक से अधिक बार। दोनों ही मास्क के अंतर के साथ उनके उपयोग के तरीके भी विभाग की ओर से बताए गए है।


